21 जून को होगी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक 

कईयों को मिल सकता है वफादारी का इनाम 

कई नेताओं के पर कतरे भी जा सकते हैं

कोलकाता। राज्य में भगवा खेमे की बढ़ती हलचल से सत्तादारी तृणमूल कांग्रेस के लिये हर रोज कठिनाइयां हो रही है। ऐसे में पार्टी को और मजबूत करने के लिये तृणमूल सुप्रिमों ममता बनर्जी ने कमर कस ली है। कहा जा रहा है कि उक्त फेरबदल में कईयों पर गाज भी गिर सकती है तो कईयों को उनकी वफादारी का इनाम भी मिल सकता है।  तृणमूल कांग्रेस में सांगठनिक स्तर पर बड़े फेरबदल के लिए कोर कमेटी की बैठक होने जा रही है। तृणमूल सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आगामी 21 जून को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल की कोर कमेटी की वार्षिक बैठक होगी। यह भी बताया गया है कि पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर में तेजी से हो रहे भाजपा के उत्थान के मद्देनजर पार्टी में सांगठनिक स्तर पर कई बड़े बदलाव किए जाएंगे। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है कि मूलतः पुरुलिया और नदिया जिले में, जहां भारतीय जनता पार्टी को भारी बढ़त मिली है तृणमूल के प्रभारियों को बदला जाएगा। उत्तर और दक्षिण 24 परगना में भी बड़े बदलाव के संकेत मिल गए हैं। दक्षिण 24 परगना के सभापति के रूप में कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी से कई जिम्मेदारियां वापस ली जा सकती हैं। इसके अलावा पंचायत चुनाव में जीत दर्ज करने वाले क्षेत्रों में पंचायत बोर्ड गठित करने के लिए रणनीति पर भी कोर कमेटी की बैठक में चर्चा होगी। विशेषकर उन जगहों के बारे में चर्चा होगी जहां पंचायत चुनाव का परिणाम त्रिकोणीय है। कोर कमेटी की बैठक के 1 महीने बाद 21 जुलाई को तृणमूल हर साल शहीद दिवस मनाती है।सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बार शहीद दिवस के मौके पर पंचायत चुनाव में जीत के लिए ममता राज्य की जनता को संबोधित करेंगी। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल भी फूकेंगी। हालांकि कोर कमेटी की बैठक में अभिषेक बनर्जी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि वह सिंगापुर जा रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है।एक ओर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य भर में जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर स्तर पर कोशिशें तेज कर दी हैं तो दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल ने भी कमर कसना शुरू कर दिया है। अमूमन भाजपा को महत्व नहीं देने वाले तृणमूल के बड़े नेता भी अब सीधे तौर पर राज्य भाजपा पर हमलावर होने लगे हैं, जो सत्तारूढ़ खेमे को भाजपा की ओर से मिल रही चुनौती का संकेत है।बहरहाल लोकसभा के जंग के लिये राज्य में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने कमान सम्भाल ली है लेकिन जाहिर है कि निर्णायक जंग तो तृणमूल व भाजपा के बीच ही होना तय है।
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