जगदीश यादव
कोलकाता। बंगाल में तृणमूल की एक तरफा आंधी को देखकर शायद विश्वास करने में किसी को यह आंकड़ा सच नहीं लगे लेकिन सच तो यह है कि इस विधानसभा के चुनाव क मतदान में आठ लाख तीस हजार लोगों ने नोटा का प्रयोग किया है। इतने अधिक मतदाताओं ने नॉन ऑफ द एबॉव (नोटा) दबा कर यह साबित कर दिया कि सभी प्रमुख पार्टियों द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों में से उन्हें कोई भी पसंद नहीं है। 1.5 फीसद यानी आठ लाख 30 हजार से अधिक मतदाताओं का नोटा का बटन दबाना यह साबित करता है कि मतदाताओं में राजनीतिक दल को प्रतिनिधियों के प्रति उनका विश्वास घटा है। इस व्यवस्था से पता चलता है कि उनके लिए कोई भी उम्मीदवार उपयुक्त नहीं है।
चुनाव आयोग की आंकड़ों को मानें तो किसी-किसी विधानभा केंद्र के मतदाताओं ने सर्वाधिक पांच से दो हजार तक नोटा का बटन दबा कर उम्मीदवारों को लेकर अपनी असंतुष्टि जाहिर की है।
उदाहरण स्वारुप मटियाबुर्ज विधानसभा क्षेत्र को भी लिया जा सकता है। यहां के वार्ड न. 1 के मात्र चार बुथों के आंकड़ों को देखें तो भी पता चलता है कि लोग कथित जनप्रतिनिधियों से निराश हों रहें हैं। उक्त वार्ड के बुथ न. क्रमशाः 169 में 8, 170 में 23, 171 में 7 और 172 में 8 लोगों ने नोटा का बटन दबा कर साबित किया की यहां चुनाव लड़ने वाले लोगों में कोई उनके कसौटी पर खरा नहीं उतरता है।