मतगणना केन्द्र में ही बैलेट पर लगाने लगे ठप्पा
हाजरों लोग सड़क पर उतर आये

जगदीश यादव

कोलकाता। मारा-मारी, हिंसा, गाली गलौज ही नही मतगणना केन्द्र में ही बैलेट पर ठप्पा लगा दिया। यह कोई हिंदी या फिर साउथ की किसी फिल्म का दृश्य नही बरन यह दृश्य सोनार बांग्ला में हकिकत में नजर आया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले इस देश के एक ऐसी धरती जहां कविगुरु रबीन्द्र नाथ टैगोर जैसे मनिषी का जन्म हुआ हो उक्त धरती पर पंचायत चुनाव के मतगणना के दिन खुले आम लोकतंत्र का चिर हरण हुआ और व्यवस्था मूक दर्शक बनी रही। जी हां, नदिया जिले के पगला चण्डी हाइ स्कूल स्थित मतगणना केन्द्र में अचानक ही दल बल व हथियारों के साथ कुछ अराजत तत्व आये और उन्होंने मतगणना केन्द्र को पहले कब्जे में लिया और फिर दहशत फैलाते हुए बैलेट बाक्स में एक विशेष पार्टी के लिये वोंट हेतु जाली वोंट छापते रहें। पुलिस व तमाम सुरक्षा कर्मी ही नहीं मतगणना अधिकारी भी उक्त दृश्य को देखने के लिये जैसे बाध्य हों गये और विपक्षियों की बात तो दूर रही। स्थानीय माकपा व बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के नेता हिरेन सूत्रधर ने आरोप लगाते हुए बताया कि सत्ताधारी सरकार के नेताओं की शह पर उक्त मतगणना केन्द्र में तृणमूल आश्रित बदमाशों ने घुसकर मतगणना के दिन ही फर्जी वोंट बाक्स में डाले । जब हमलोगों ने विरोध किया तो भाजपा के लोगों पर हमले किये गये और हमे मारा पीटा गया। भाजपा समर्थकों के घरों पर हमले किये गये और बम फेंके गये। जबकि सारा दृश्य पुलिस व सुरक्षा कर्मी देखते रहे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि नदिया के ही फुलिया में तृणमूल समर्थक बदमाश बैलेट बाक्स ही उठा ले गये। बाद में सीसीटीवी देखकर पुलिस ने उक्त बैलेट बाक्स को बरामद किया। वैसे मामले पर स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हार से विपक्ष का मानसिक संतुलन खो गया है। इधर इस घटना के बाद से ही जहां नदिया जिले के तमाम जगहों पर हिंसा का दौर शुरु हो गया वहीं मतगणना केन्द्र में ही बैलेट पर ठप्पा लगाने के खिलाफ 34 न. राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुस्से का उफान दिखा। हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ ने पथावरोध कर हंगामा मचाया और और आरोप लगाया कि पुलिस व मतगणना कर्मियों के सामने जिस तरह से लोक तंत्र का चिर हरण हुआ है वह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये शर्मनाक है।

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