धर्मतल्ला के वाई चैनल में आएनटीयूसी की विरोध सभा

कोलकाता। केन्द्र सहित राज्य की सरकार श्रमिकों के हीतो की अनदेखी कर रही है। राज्य व केन्द्र सरकारी की श्रम विरोधी नीतियों के कारण श्रमिक बेहाली के दौर से गुजर रहे हैं। उक्त आरोप आज धर्मतल्ला के वाई चैनल में आएनटीयूसी के राज्य अध्यक्ष व सर्व भारतीय सचिव कमरु ज्जमांन कमर ने लगाया। इंटक के विरोध सभा व विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान कमरु ज्जमांन कमर ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में ममता बनर्जी की सरकार ने कभी कहा था कि वह श्रमिकों को महंगाई भत्ता देगी लेकिन इस राज्य में कर्मचारियों को अन्य राज्यो की उपेक्षा 54 प्रतिशत कम भत्ता मिल रहा है। उक्त आरोप आएनटीयूसी के राज्य अध्यक्ष व सर्व भारतीय सचिव कमरु ज्जमांन कमर ने लगाया। कमर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर केन्द्र व राज्य सरकार श्रमिकों के महंगाई भत्ता पर सकरात्मक कदम नहीं उठाती है तो हमे बाध्य होकर हल्ला बोल अन्दोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा। कमर ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में एक ऐसा श्रमिक कानून थोंपने की राह में है जिससे आम श्रमिकों की रीढ़ की हड्डी टूट जाएगी। जबकि जरुरी है कि देश में श्रमिक कानूनों में सुधार कर श्रमिकों को राहत प्रदान करने की। उन्होंने कहा कि बर्न स्टैण्ड जैसी कंपनी को बंद करने की नोटिस दे गई है। वहीं एंड्रील एण्ड कंपनी जहां 15 हजार श्रमिक काम करते है और ब्रीज एण्ड रुफ जहां पांच हजार श्रमिक काम करते है जैसे कारखानों का निजीकरण की साजिश की जा रही है। जबकि ब्रीज एण्ड रुफ 25 से 55 हजार की मुनाफा देती रही है। कमर ने कहा कि टी बोर्ड व नैशनल इंश्योरेंश जैसे संस्थानों के कोलकाता स्थित मुख्यालय के स्थातंरण की साजिश की जा रही है। ऐसा हुआ तो इसमे कार्यरत लोगों पर गहरी मार पड़ेगी। आएनटीयूसी के राज्य अध्यक्ष व सर्व भारतीय सचिव ने मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि अब वह राज्य में श्रमिकों के हीत के लिये लगातार आन्दोंलन करेंगे। कारण केन्द्र सरकार के निजीकरण की नीति की मार श्रमिकों पर पड़ रही है। इस दौरान आएनटीयूसी जूट नेता शेख शमद आदी भी मौजूद रहें।

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