रुझानों में आंकड़े

  • तृणमूल-211
  • वाम+कांग्रेस- 76
  •  भाजपा-3
  • अन्य-4 

जितेश द्विवेदी

कोलकाता। कभी पांच वर्ष पहले भी ‘पोरिबर्तन’ के नारे के साथ तृणमूल सुप्रीमों ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के तीन दशक  से भी ज्यादा समय की बादशाहत छिनकर लाल दुर्ग को ढाह दिया था। गुरुवार को भी ममता बनर्जी ने जीत की कुछ ऐसी ही इबारत लिख दी। उन्होंने साबित कर दिया है कि बंगाल की जनता का बिश्वास उन्होंने खोया नहीं बरन और ज्यादा पाया है। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से ममता दीदी की आंधी फिर से चली है, जिसने बाकी पार्टियों को उड़ा दिया है। तृणमूल-211, वाम+कांग्रेस-76, भाजपा-3, अन्य-4 सीटों का रुझान है।

जनता का फैसला सामने आ चुका है। ममता बनर्जी की कुर्सी बरकरार रहेगी। ममता बनर्जी अपनी विधानसभा सीट भवानीपुर से चुनाव जीत गई हैं। वहीं बीजेपी के लिए अच्छी खबर ये है कि तीन सीटों पर कब्जा कर लिया है। जहां पूर्व फुटबॉलर और नेता बाइचुंग भूटिया विधानसभा चुनाव हार गए हैं। इससे पहले उन्होंने जनरल इलेक्शन में भी चुनाव लड़ा था, उसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

राज्य में 6 चरणों में हुए चुनाव में 4 अप्रैल से 5 मई के बीच सात दिन तक हुए मतदान में 77,247 मतदान केंद्रों पर कुल 6,55 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया। पश्चिम बंगाल में कुल 82.80 फीसदी मतदान देखा गया। वाम मोर्चे के साथ कांग्रेस के गठबंधन ने जहां वरिष्ठ वामपंथी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक मंच पर ला दिया। वहीं इस चुनाव में भ्रष्टाचार केंद्रीय मुद्दा बन कर उभरा। इस दौरान तृणमूल ने जहां बुनियादी परियोजनाओं और कल्याण कार्यक्रमों का ढोल पीटा। वहीं, विपक्ष ने नारदा स्टिंग और सारधा घोटाले को लेकर खूब आरोप लगाए। कोलकाता में फ्लाइओवर गिरने से 26 लोगों की हुई मौत के मामले को भी इस चुनाव में खूब उछाला गया। बहरहाल जो भी हो लेकिन यह तो कह ही सकते हैं कि जो जिता वही सिकंदर।

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