बीजेपी ने दी सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन की धमकी

कोलकाता। कुछ समय पहले ही महानगर कोलकाता में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर स्याही फेंकने की घटना के बाद अब उनकी नेम प्लेट पर काली स्याही फेंकने का मामला सामने आया है। दरअसल ये मामला महानगर के प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी कैंपस का है जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी की नेमप्लेट पर कुछ लोगों ने स्याही पोत दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के संज्ञान में सोमवार सुबह ये मामला सामने आया। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। यूनिवर्सिटी की उपकुलपित अनुराधा लोहिया के अनुसार रविवार रात तक सब कुछ ठीक था। शायद सोमवार तड़के किसी ने इस घटना को अंजाम दिया होगा। उन्होंने घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। हालांकि इसे यूनिवर्सिटी का का आंतरिक मामला बताते हुए एफआईआर दर्ज कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि प्रेसिडेंसी के किसी छात्र ने ऐसा किया होगा। हम मामले की जांच करवा कर दोषियों को चिन्हित करने का प्रयास करेंगे। भाजपा ने इस घटना की कड़ी निन्दा की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रबंधन जल्द से जल्द श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नाम वाले हिस्से को पूर्ववत अवस्था में नहीं लाता तो हम सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने महज 33 वर्ष की आयु में प्रेसिडेंसी में अध्यापन किया था। ज्ञात रहे कि हाल में ही नेताओं की मूर्ति तोड़ने और उन पर स्याही फेंकने की घटनाएं जोरो पर रही हैं। ये सिलसिला त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद शुरू हुआ और अब इस राज्य में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। 7 मार्च को कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को तोड़ने और उस पर काली स्याही फेंकने का ममाला सामने आया था। इससे पहले 14 मार्च को असम के कोंकझार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नुकसान पहुंचाया गया था जहां मूर्ति को हथौडों से तोड़ने की कोशिश की गई थी। पिछले हफ्ते राज्य के वर्द्धवान जिले में देश के प्रथम पीएम जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति पर स्याही पोती गई थी। इस कड़ी में पेरियार, अंबेडकर और गांधी जैसे नेताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले भी शामिल हैं।

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