होगा महिलाओं की परियोजना पर 700 करोड़ खर्च

कोलकाता। चुनाव आने वाला है और बंगाल सरकार पंचायत चुनाव से पहले राज्य के ग्रामीण इलाकों में हर संभव पैठ बढ़ाने की कोशिश में है। इसी कड़ी में सरकार राज्य के ग्रामीण महिलाओं तक पैठ बनाने के लिए 700 करोड़ रुपये की एक परियोजना लाने की तैयारी में है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र से 50 लाख महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) मॉडल में शामिल किया जाएगा।इस संदर्भ में राज्य के सहकारिता मंत्री अरुप राय ने कहा कि हमारा लक्ष्य इस योजना में 50 लाख ग्रामीण महिलाओं को शामिल करना है और हम उन्हें दो लाख अतिरिक्त एसएचजी को खोलने में मदद करेंगे। इस प्रक्रिया को वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तीन चरण होंगे। पहले चरण में उन महिलाओं की पहचान होगी जो वर्तमान में एसएचजी नेटवर्क के तहत शामिल नहीं हैं और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसका लागत राज्य सहकारिता विभाग द्वारा वहन की जाएगी। दूसरे चरण में कम ब्याज दर पर विभिन्न सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों से उन्हें ऋण प्रदान किया जाएगा जबकि अंतिम चरण में एसएचजी उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जाएगी। उत्पादों की बिक्री राज्य सरकार के विभिन्न विभागों मसलन कृषि विपणन, खाद्य और आपूर्ति और छोटे और मध्यम उद्योग विभाग के माध्यम से किया जाएगा। वहीं, एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने बताया कि इस परियोजना की शुरुआत इस साल प्रस्तावित जून में होने वाले तीन-स्तरीय पंचायत चुनाव से पहले शुरू हो जाएगी हालांकि इसके पूरे होने में थोड़ा समय लगेगा। इस बाबत पश्चिम बंगाल स्वरोजगार निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और तृणमूल के विधायक पुलक रॉय ने बताया कि यह योजना राज्य की महिलाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री के सपने का विस्तार होगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

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