नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अपराध से बचने का सबसे प्रभावी तरीका उसका पता लगाना है। यहां दिल्‍ली पुलिस के 71वें स्‍थापना दिवस परेड को संबोधित करते हुए उन्‍होंने दिल्‍ली पुलिस के वरिष्‍ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपराध नियंत्रण रणनीति को आधुनिकतम बनाएं। पुलिस बल को नवीनतम प्रौद्योगिकियों से लैस होने का सुझाव देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपराधिक जांच में फोरेंसिक महत्‍वपूर्ण पहलू है। उन्‍होंने कहा कि सरकार राष्‍ट्रीय राजधानी में और फोरेंसिक प्रयोगशालाएं स्‍थापित कर रही है तथा जल्‍दी ही अपराध और अपराध ट्रैकिंग नेटवर्क तथा प्रणाली पूरी तरह से कार्य करने लगेगी जिससे दिल्‍ली पुलिस की क्षमताएं बढ़ जाएंगी।केंद्रीय गृहमंत्री ने हाल ही में अपहृत बालक को बचाने और आतंकवादी जुनैद को पकड़ने में दिल्‍ली पुलिस को मिली सफलता के लिए उसकी सराहना की है। जुनैद एक दशक से भी अधिक समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। उन्‍होंने दिल्‍ली पुलिस की सफलता की गाथा में सामुदायिक पुलिसिंग और खुफिया जानकारी प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। सर्वश्रेष्‍ठ पुलिस थाने का पुरस्‍कार प्रदान करने पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्‍मेलन में सिफारिश के अनुसार पुलिस थानों के वर्गीकरण से स्‍वस्थ प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी।लातिन अमेरिका के बोगोटा शहर का उदाहरण देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कैसे पुलिस ने एक समय आपराधिक गतिविधियों का गढ़ रहे इस शहर को सुरक्षित शहर में तब्दील किया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रभावी रणनीति से दिल्‍ली और मुंबई जैसे महानगरों में भी अपराध का ग्राफ 70 प्रतिशत तक कम हो सक‍ता है। उन्‍होंने कहा कि कोई भी अपराधी पुलिस की पकड़ से निकल नहीं सकता। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्‍ली देश की राजधानी है और देशवासी दिल्‍ली पुलिस को न केवल एक राज्‍य की पुलिस बल्कि उसे पूरे राष्‍ट्र की पुलिस के रूप में देखते हैं,इसलिए देशवासियों को दिल्‍ली पुलिस से काफी आशाएं भी है।इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने पुलिस पदक प्रदान किए और प्रभावी परेड की सलामी भी ली। उन्‍होंने दिल्‍ली पुलिस के शहीद कोष में पांच करोड़ रूपये का योगदान देने की भी घोषणा की।

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