अग्नि के लपटों में गुम इतिहास के कई दस्तावेज

जलपाईगुड़ी।BHAWANI-PATHAK-temple file photo राज्य के जलपाईगुड़ी जिले के रायगंज के शिकारपुर में 300 वर्ष पुराना भवानी पाठक मंदिर जल कर राख हो गया।मंदिर के काफी सुदुरवर्ती क्षेत्र में होने के कारण दमकल विभाग के कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच पाए अौर ऐसे में ऐतहासिक व धार्मिक महत्व का यह स्थल आग की भिषण लपटों में खाक हो गया। उक्त घटना के बाद स्थानीय लोगों में दमकल विभाग के खिलाफ काफी गुस्सा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चाय बागान में स्थित उक्त मंदिर में आग बिती रात लगभग दस बजे लगी। पहले स्थानीय लोगों ने जी जान लगा कर आग को बुझाने की कोशिश की लेकिन आग भिषण होती गयी। घंटों बाद दमक के चार इंजन लेकर दमकल कर्मी आये और आग से बुझाने की कोशिश करते रहें लेकिन दमकल कर्मी आग से इस तीन सौ वर्ष प्राचीन मंदिर को बचा नहीं सकें। लकड़ी व टीन से निर्मित उक्त मंदिर में आग में आग पकड़ते देर नहीं लगी। देवी चौधरानी व भवानी पाठक के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर के जल जाने से स्थानीय लोग मायूस हैं। आग के कारण पर किसी का कहना है कि आग जलते दिये के कारण लगा तो कोई कह रहा है कि मंदिर के आसपास अराजक तत्व जुआ खेलते हैं और धुम्रपान करते हैं जिसके कारण ही आग लगी। माले पर जब साहित्यकार समरेश मजूमदार से बात की गयी तो पहले उनके गले से आवाज ही नहीं निकला रही थी, सदमे में हतास होते हुए उन्होंने कहा कि, पता नहीं इस मंदिर से कितने इतिहास जूड़े हैं। यह एक बहुत बड़ी क्षति है।

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