योजना को ‘न’ कहने वाला पहला राज्य बना पश्चिम बंगाल

कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपपीएस) पर ममता बनर्जी ने सवाल उठाए हैं। ओबामा केयर की तर्ज पर मोदीकेयर कही जा रही इस योजना को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लागू करने से इनकार कर दिया है। यह ऐसा पहला राज्य बना है जिसने केंद्र की इस योजना को लागू करने से मना किया है।  एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने इस  योजना को ‘बेकार’ कहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा ‘आपने तय कर लिया कि इस योजना में राज्य की सरकारों की 40 प्रतिशत की भागीदारी होगी। क्यों? क्या आपने फैसला लेने से पहले हम लोगों से चर्चा की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हमारे पास रुपये हैं तो इनका इस्तेमाल कहां होगा, यह फैसला हम करेंगे आप नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से ‘स्वास्थ्य साथी योजना’ हेल्थ प्रोग्राम लागू है। जिसका फायदा राज्य के 50 फीसदी लोगों को मिल रहा है। केंद्र की योजना में नया कुछ भी नहीं है, ऐसे में हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने अमिताभ कांत का हवाला दिया, ममता बनर्जी ने कहा कि इस योजना में सालाना 5500 से 6000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जबकि केंद्र ने सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपये ही आवंटित किया है। उनको उम्मीद है कि राज्य की सरकारें बाकी की राशि देंगी। ममता यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने सिर्फ राज्य के लिए शुरू की गई योजना कन्याश्री प्रोजेक्ट के लिए पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बजट 2018-19 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम का ऐलान किया था। जिसका फायदा देश के 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
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