सीएम ममता ने उठाया मोदी सरकार की मंशा पर सवाल

नदिया। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना में मात्र 100 करोड़ रुपए के प्रावधान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि राष्ट्रव्यापी योजना के लिए यह धनराशि बहुत ही कम है तथा इससे अधिक राशि तो उन्होंने राज्य की महिलाओं के लिए आवंटित की है। सुश्री बनर्जी ने आज एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल में तृणमूल सरकार ने कन्याश्री प्रकल्प के लिए पचास हजार करोड़ रूपए और हाल ही में शुरू की गई रूपाश्री योजना में 1200 कराेड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में इतनी विशाल आबादी के लिहाज से यह राशि बहुत ही कम है और अगर इसे समान रूप से बांटा जाता है, तो प्रत्येक राज्य के हिस्से में मात्र तीन करोड़ रूपए ही आएंगे। उन्होंने बताया कि कन्याश्री प्रकल्प योजना को संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा है और इस योजना में राज्य की गरीब लडकियों को स्नातक तक शिक्षा में सहायता दी जाती है तथा रूपाश्री योजना में परिवार की आमदनी सालाना डेढ लाख तक होने पर 18 वर्ष से अधिक आयु की लडकियों को विवाह के समय एकमुश्त 25 हजार रूपए की सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का प्रावधान इसी बजट में किया गया है और इस वित्त वर्ष में इससे छह लाख लड़कियां लाभान्वित होंगी। उन्होंने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इसकी आर्थिक नीतियों से देश पिछड़ रहा है और विकास के बजाए विनाश हो रहा है। नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से आम आदमी तथा व्यापरियों को काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के चलते 12 हजार किसानों ने आत्महत्या की है और सबसे अधिक मामले भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य महाराष्ट्र के हैं।उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि अगर आप 25 पैसे में मिलने वाले नकुलदाना(चीनी से बना पदार्थ) लेने दुकान पर जाते हैं तो दुकानदार जीएसटी के लिए कहता है तो आप ही बताइए कि गरीब आदमी इसे कैसे वहन कर सकते हैं।
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