सत्ताधारी सरकार के सामने खड़ा हुआ नया बखेड़ा
सब्यसांची दत्ता ने व्यवसायी को नहीं पहंचानने की बात कही

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File pic- Sabyasachi Dutta

फिरोज आलम
कोलकाता। एक ओर जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के विकास के लिये उद्योगपतियों को इस राज्य में निवेश करने के लिये आमंत्रित कर रहीं हैं तो दूसरी ओर सत्ताधारी तृणमूल सरकार के ही एक एमएलए पर एक व्यवसायी से करोड़ों रुपये मांगने के आरोप से सनसनी फैल गयी है। एक व्यवसायी मधुसुदन चक्रवर्ती ने कोलकाता प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त आरोप लगाते हुए कहा कि विधाननगर के मेयर सबयसांची दत्ता ने उनसे फोन कर एक करोड़ रुपये की मांग की। यह मांग त्रिपुरा चुनाव से पहले की गयी। व्यवसायी से चुनाव में खर्च के लिये उक्त रुपये मांगने का आरोप चक्रवर्ती ने लगाया ।मधुसुदन चक्रवर्ती ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिते दिन उन्हें 30 लाख रुपये देने के लिये कहा गया था।लेकिन उन्होंने उक्त रुपये नहीं दिये। आरोप है कि इस व्यवसायी को आरोपी नेता ने आज भी फोन किया था। ऐसे में व्यवसायी ने मामले की जानकारी कई अन्य तृणमूल नेताओं को दी तो नेताओं ने मामला आपस में सुलझा लेने की बात कही। व्यवसायी के दावें को माने तो उन्होंने सम्बंधित मामले में फोन रिकार्ड कर रखा है। व्यवसायी के आरोप के अनुसार इससे पहले उन्होंने इस नेता के एक आदमी विद्युत गांगोपाध्याय को 2.30 लाख रुपये दिया भी है। इसके बाद फिर फोन कर दत्ता ने उनसे तीन तारीख को 30 लाख की मांग की तो उन्होंने इतने रुपये उस समय नहीं होने की बात कहकर टाल दिया। इसे बाद ही दत्ता के द्वारा पैसा नहीं देने पर परिणाम भुगतने की बात कही। व्यवसायी का कहना है कि वह दहशत में हैं और उन्हें हमेशा डर लग रहा है कि कहीं कुछ हो नहीं जाये। मधुसुदन चक्रवर्ती ने कहा कि वह राज्य की सीएम ममता बनर्जी के पास गुहार लगायेगें। इधर सब्यसांची दत्ता त्रिपुरा चुनाव में व्यस्त हैं। मामले पर बात करने पर उन्हों ने हैरत प्रकट करते हुए कहा कि वह इस व्यवसायी को जानते तक नहीं हैं। मेयर दत्ता ने खुद प्रश्न उठाते हुए कहा कि अगर मैने किसी से पैसे मांगा है तो वह पुलिस थाने में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाया। कथित भुक्तभोगी कोर्ट क्यों नहीं गया। बहरहाल खबर के लिके जाने तक यह साबित नहीं हो सका था कि सब्यसांची दत्ता ने इस व्यवसायी से रुपये की मांग की है। लेकिन इस मामले को लेकर महानगर ही नहीं राज्य भर में तमाम तरह की बातो का दौर शुऱु हो गया है। यहां तक कई राजनीतिक दलों ने इस मामले पर सियासत करने के लिये कमर भी कस लिया है। राजनीति के गलियारों से तमाम तरह कयास भी शुरु हो गये हैं और हो सकता है कि उक्त मामला राज्य सरकार के लिये एक और नई मुसीबत नहीं बन जाये। बहरहाल मामले पर क्या होगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन सत्ताधारी सरकार के एक नेता द्वारा एक व्यवसायी से कथित तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग के आरोप से बखेड़ा जरुर खड़ा हो गया है।

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