ममता सरकार-राज्यपाल आमने-सामने
गवर्नर के हस्तांक्षेप का जवाब देने को तैयार ममता सरकार

कोलकाता। एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी आमने-सामने आ गए हैं। ऐसे में लगता है कि अब राज्यय सरकार व राज्यपाल के बीच ठन गयी है और मामला अब वृहद रुप ले रहा है। राज्य की राजनीति में उक्त मामले को लेकर तमाम तरह के बातों का दौर भी शुरु हो गया है। बता दें कि राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था से चिन्तित राज्यपाल के मालदह में प्रशासनिक बैठक करने और मुर्शिदाबाद रेंज के आईजी को उपस्थित रहने के निर्देश से ममता बनर्जी सरकार में हड़कंप मच गया है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार के कामकाज में राज्यपाल का सीधा हस्तक्षेप करार दिया और इसके विरोध में पार्टी सांसदों ने राज्यसभा और नई दिल्ली स्थित गांधी मूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करने वाले में शामिल तृणमूल राज्यसभा सांसद शुखेन्दु शेखर राय ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने मालदह के मण्डल आयुक्त को पत्र लिखकर मालदह में राज्य के सीमावर्ती जिलों की प्रशासनिक बैठक बुलाने का निर्देश दिया है| साथ ही राज्यपाल ने उक्त अधिकारी से कहा है कि बैठक में कानून-व्यवस्था के साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की विकास संबंधित योजनाओं के बारे में बातचीत होगी| राज्यपाल ने उस बैठक में क्षेत्र के आईजी को भी उपस्थित रहने को कहा है| राय ने कहा कि यह राज्य सरकार के कामकाज में राज्यपाल का हस्तक्षेप है| यह उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है| वे राज्य के किसी भी अधिकारी को सीधे ऐसा निर्देश नहीं दे सकते| इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में इस मामले को उठाने की कोशिश की| अनुमति नहीं मिलने पर गांधी मूर्ति के सामने विरोध-प्रदर्शन किया| राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि राज्यपाल ऐसा नहीं कर सकते हैं। उन्हें संविधान के नियम-कानून का पालन करना चाहिए्| हालांकि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में चुप्पी साध रखी है| उसकी ओर से इस बारे में अब तक कोई बयान नहीं आया है| इस दिन कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला में विज्ञान पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए राज्यपाल ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया| राज्यपाल ने कहा कि वे ऐसे सवालों का जवाब देने के लिए पुस्तक मेले में नहीं आए हैं।

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