देश में करीब 22 फीसद आबादी इस रोग से परेशान

कोलकाता। देश की करीब 22 फीसद आबादी कब्ज की समस्या से परेशान है। इस मामले में कोलकाता सबसे ऊपर है। हेल्थकेयर फर्म एबट के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। सर्वे के मुताबिक कब्ज की समस्या सिर्फ बुजूर्गो में ही नहीं है बल्कि युवा और कम उम्र की जनरेशन भी इससे पीड़ित है। देश के 22 फीसद व्यस्क कब्ज की समस्या से ग्रसित है उनमें भी 13 प्रतिशत लोगों में यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोलकाता में सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत कब्ज के मरीज हैं इसकी वजह ज्यादातर कोलकातावासी शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं और इस मामले में डॉक्टर की सलाह लेने की बजाय खुद इलाज करने में ज्यादा विश्वास करते हैं। इस मामले में चेन्नई भी कोलकाता के नक्शेकदम पर चल रहा है और चेन्नई की करीब 24 फीसद आबादी को शौच के समय तकलीफ होती है। कुछ ऐसा ही हाल देश की राजधानी दिल्ली का है जहां 23 प्रतिशत लोग इस समस्या से पीड़ित है इसकी वजह दिल्ली के ज्यादातर लोग बाहर के खाने को तरजीह देते हैं और उसमें भी जंकफूड ज्यादा होता है। इसके मुकाबले छोटे शहरों जैसे पटना, इलाहाबाद, अहमदाबाद, मुंबई, लखनऊ और हैदराबाद जैसे शहरों में लोग कब्ज की समस्या से कम पीड़ित पाए गए। सर्वे के मुताबिक सर्दी-जुकाम के बाद भारतीयों में कब्ज की समस्या बेहद आम बीमारी है। भारत में कब्ज की बीमारी ज्यादातर शहरी आबादी में पाई गई है, जहां बीमारी की बड़ी वजह में लाइफ स्टाइल, पानी की कमी, डाइट में फाइबर ना लेना, दिन का ज्यादातर समय बैठकर निकालना शामिल है। इसके साथ ही डाइबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर भी कब्ज की समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। मेडीकेयर हॉस्पिटल के कोलोप्राकोटेलॉजिस्ट खुशाल मित्तल का कहना है कि लोग कब्ज की समस्या की अवहेलना करते हैं और डॉक्टर की मदद लेने में देरी कर देते हैं।उनका कहना है कि हेल्दी लाइफ स्टाइल से कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है या दूर किया जा सकता है। अपनी दिनचर्या में संतुलित डाइट को शामिल करें। व्यायाम पर जोर दें। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें, जिससे सुबह की शुरूआत यदि अच्छी हो तो आपका दिन बेहतर गुजर सके।

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