कोलकाता। किसी और देश के मुकाबले भारत में परिवारों में शादी एक बड़ा मौका होता है। परिवार इस मौके को खास बनाने के लिए कई साल बचत करते हैं। जहां बाकी घरों में लड़का और लड़की दोनों के परिवार से लोग सजावट और बाकी इंतजामों पर खर्च करते हैं वहीं महानगर कोलकाता के एक परिवार ने डिटेक्टिव एजेंसी हायर करने में भी अच्छी खासी रकम खर्च की, लेकिन जानकारी गलत निकली और मामला उल्टा पड़ गया। ऐसी बहुत सी एजेंसियां हैं जो शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए जासूसी करती हैं।कोलकाता के एक परिवार ने भी होने वाली बहू के बारे में जानकारियां जुटाने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की मदद ली। दूल्हे के परिवार को चंडीगढ़ की दुल्हन का पता एक विज्ञापन से चला था। दुल्हन के बारे में जो जानकारी विज्ञापन में दी गई थी, लड़के के परिवार ने उसकी सत्यता जांचने के लिए मोहाली का एक प्राइवेट जासूस हायर किया। एजेंसी के मालिक निर्मल चंद्र भल्ला ने इस परिवार से 10 हजार रुपये मांगे और उसके बदले तीन ई-मेल में लड़की के परिवार से लेकर जॉब और रिश्तेदारों की जानकारी लड़के वालों को दी। लड़की का परिवार एजेंसी से मिले ब्यौरे से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए उन्होंने लड़की की शैक्षिक योग्यता से जुड़े दस्तावेजों की मांग की। डिटेक्टिव एजेंसी ऐसे दस्तावेज देने में विफल रही तो परिवार खुद मोहाली पहुंचा। वहां जाकर पता चला कि एजेंसी की दी हुई सारी जानकारी गलत और झूठी थी। महानगर कोलकाता के एक बड़े स्कूल की प्रिंसिपल लड़के की मां ने एजेंसी की इस धोखाधड़ी के बदले उपभोक्ता फोरम में अपील की। कोलकाता जिला उपभोक्ता न्यायालय (यूनिट 1) में शंभुनाथ चटर्जी और शेख अब्दुल अन्सार की बेंच मामले की सुनवाई के लिए बैठी लेकिन एजेंसी से कोई पेश होने नहीं आया। कोर्ट ने एजेंसी को आदेश दिया है कि वह परिवार को 26 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान करे, जिसमें 10 हजार रुपये उनकी फीस और बाकी 16 हजार परिवार के मोहाली जाने का यात्रा खर्च है।
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