जयदीप यादव/ सत्यजीत गुप्ता
कोलकाता। Saraswati tirangaA1वैसे तो यह राज्य अपने धार्मिक कर्म काण्डों के लिये देश भर में जाना जाता है। लेकिन अगर बात ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की हो तो क्या कहने। महानगर सहित राज्य भर में आज सरस्वती पूजा की तैयारी जोर शोर देखी गयी। सबसे ज्यादा उत्साह स्कूल के बच्चों में देखने को मिल रहा है। स्कूल के बच्चे अपने शिक्षकों के साथ देवी सरस्वती की मूर्ति के साथ-साथ फल पूजा सामग्री की खरीददारी करते रहें। उक्त लोगों को दिन भर मूर्तिकार से मूर्ति खरीदकर विद्यालय व पूजन स्थलों पर ले जाते देखा गया।Saraswati tirangaA.jpg2 सरस्वती पूजा या कहिए बसंत पंचमी का त्योहार आज मनाया जाना है। एक अनुामान के अनुासार राज्य भर में कम से कम दस लाख सरस्वती की प्रतिमा बनाई गई है। मूर्तिकार पिछले दो माह से मूर्ति बनाने में लगे हुए थें। इस साल सरस्वती माता की ज्यादतर मूर्तियां तिरंगा से ओत प्रोत देखी जा रही है। कारण सामने ही 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस जो है। ऐसे में माता की प्रतिमाों पर भी देश भक्ति का रंगा चढ़ा दिख रहा है। प्रतिमा बनाने वालों का कहना है कि यह एक तरह से चलन की बात ही है। हमलोग समय की मांग को देखते हुए थीम प्रतिमाओं का निर्माण करते हैं। मामले पर छात्र-छात्राओं का कहना है कि वे सभी सरस्वती पूजा को लेकर काफी उत्सुक हैं। पिछले कई दिनों से वे इसकी तैयारियां कर रहे थें। सरस्वती पूजा के अवसर पर शिक्षकों का कहना है कि देवी सरस्वती की पूजा करने से छात्र-छात्राओं में पढ़ाई करने की प्रवृति बढ़ती है और उनमें अच्छे संस्कार आते हैं। शिक्षक बीके पाण्डेय ने कहा कि मां सरस्वती विद्या की देवी हैं। विद्या से ही सबकुछ होता है। जीवन का आधार विद्या ही है। विद्या से बच्चे संस्कारी बनते हैं।

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