मकर संक्राति पर संगम में लगी आस्था की डुबकी

मेला इलाके में एक शिविर में आग से हड़कंप

शंकराचार्य व मंहत ने की शाही स्नान

मोक्षभूमि अभी भी 68 तीर्थयात्री लापता   

सागरद्वीप से जगदीश यादव/रमेश राय 

sankaracharjee sashi shan at ganga sagar mela

पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

gyan das sashi shan ganga sagar mela (1)

कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञामन दास महाराज

सागरद्वीप। ganga sagar mela end retrain pilgreams (1)सागर व गंगा नदी के पवित्र संगम स्थल पर मकर संक्रांति के पावन मुहूर्त में आज भी लाखों पुण्यार्थियों ने मोक्ष की कामना के तहत आस्था की डुबकी लगाई। सराकारी बयान में कहा जा रहा है कि अबतक लगभग 30 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रयों ने इस पवित्र पुण्य स्नान किया। उक्त बात का दावा भी आज पंचायत मामलों के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने भी किया है। उन्होंने कहा कि एस बार सागर मेले में तीर्थयात्रियों का रिकार्ड टूट गया है। सरकारी तंत्र का दावा है कि 30 लाख लोगों ने कभी भी यहां स्नान नहीं किया था। अबतक के सारे रिकार्ड टूट गये हैं। इस दिन पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती व कपिलमुऩि आश्रम के महंत ज्ञानदास ने अलग अलग समय में गंगासागर में शाही स्नान किया ।जबकि आज दोपहर बाद मेला इलाके में स्थित एक नम्बर रास्ते में हनुमान मंदिर के पास एक स्वंयसेवी संस्था के शिविर में आग लगने से हड़कंप मचने के साथ ही आतंक फैली। पुण्यार्थियों में भगदड़ मच गयी लेकिन घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। दमकल के एक इंजन ने आग पर काबू पा लिया लेकिन तबतक हुगला आदी से बने कई अस्थायी झोपड़यां राख हो गयी। वहीं लापता लोगों के लिये सेवारत बजरंग परिषद के पदाधिकारियों प्रेमनाथ दुबे व हरिनारायण दुबे के अनुसार मेले में अबतक लगभग 2200 लोग लापता हो गये थें जिनमें अधिकांश लोगों को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है अभी भी 68 लोग लापता हैं। पवित्र स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं का जत्था अपने अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना रेल, सड़क व जल मार्ग हो रहे हैं। जिसके कारण  सियालदह व कोलकाता स्टेशनों से काकद्वीप व नामखाना में स्पेशल ट्रेनों में काफी भीड़ रही। जबकि सड़क मार्ग मार्ग से घरों की ओर रवाना हो रहें काफी संख्या में लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस उनलोगों को परेशान करती रही और कई बार डंण्डे का भी सहारा लिया। खबर के लिखे जाने तक सागरद्वीप सहित कोलकाता में ट्राफिक जाम के कारण परेशानी का दौर चलता रहा। वैसे आज सागर मेले में हादसा, विभिन्न रोग जनित कारणों से पांच लोगों की मौत के अलावा कोई दुखद सूचना नहीं है।  जनआस्था का सैलाब 12 जनवरी की सुबह से उमड़ना शुरु हुआ और खबर के लिखे जाने तक स्नान का क्रम चलता रहा। उक्त पुण्यार्थियों में इस राज्य से कम देश-विदेश के विभिन्न भागों से आये तीर्थयात्री थें। पुण्यार्थियों ने भगवान सूर्य की पूजा के साथ ही सागर तट पर गउ दान- किया। व्यापक संख्या में अपराधिक तत्व चोरी, पाकेटमारी सह अन्य मामलों में गिरफ्तारी की खबर है पुलिस सूत्रों ने दी है। । रविवार की देर रात से ही सागर तट पर तीर्थयात्रियों का रेला उमड़ता रहा और यह क्रम सोमवार को भी चलता रहा। जबकि पुण्य स्नान के बाद जत्थे के शक्ल में पुण्यार्थी भगवान बिष्णु के दसवें अवतार कपिल मुनि के मंदिर में उनके दर्शन के लिये कतारों में खड़ें रहें। जबकि पुण्य स्नान सम्पन्न के बाद ऐसे लोगों की भी संख्या कम नहीं थी जो स्नान कर अपने गंतव्य स्थलों की ओर जाने के लिये बेताब थें। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती व कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञामन दास महाराज ने अलग अलग समय में आज शाही स्नान किया। व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच इनके साही स्नान परम्परा का निर्वाह हुआ। इनके एक झलक पाने के लिये लोगों की भीड़ भी उमड़ी। मकर संक्रांति का पुण्यकाल के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। sadhu18पुण्य स्नान के दौरान लगातार पुलिस सह सेना के जवानों को व्यवस्था को बनाये रखने के लिये मुस्तैद रहें।वहीं सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन से भी भीड़ पर नजर रखी ।आज भी काफी संख्या में यहां आये पुण्यर्थी अस्वस्थ्य होंते रहें। उक्त लोगों का इलाज विभिन्न अस्तापलों में चल रहा है। गंगासागर मेला भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है। इसका आयोजन पश्चिम बंगाल में कोलकाता के निकट उस स्थान पर किया जाता है जहां गंगा नदी बंगाल की खाड़ी यानी समुन्द्र में में मिलती है। यही कारण है सागरद्वीप को गंगासागर कहते है। यहा हर साल मकर संक्रांति अवसर पर मेला आयोजित होता है।

 

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