राम मंदिर निर्माण के लिए चाहिए सरदार पटेल जैसा नेता

रमेश राय
सागरद्वीप। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का राम मंदिर निर्माण को लेकर दर्द सामने आ गया. उन्होंने कहा है कि सरदार पटेल जैसा मनोबल वाला व्यक्ति हो तो रामंदिर का निर्माण संभव हैं. गंगासागर मेले में पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि सरदार पटेल जैसा मनोबल उनके बाद के शासकों में नहीं पाया गया. जवाहरलाल नेहरू के विरोध के बावजूद उन्होंने सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया. इस दौरान दूसरे धर्म के लोगों को भी उन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और सूझबूझ के जरिए मंदिर स्थल से दूसरी जगह पर ससम्मान बसाया। शंकराचार्य ने कहा कि देश के अधिकांश नेताओं में इच्छा शक्ति का अभाव है और गंगा सागर हो या फिर कोई भी तीर्थ स्थल उसकी पवित्रता के साथ खिलवाड़ नहीं हो। नेता नोट व वोट के लिये धार्मिक पवित्र स्थलों का उपयोग नहीं करें। मंदिर व मठों को राजनीति से मुक्त रखा जाये। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जहां तक किसी राज्य के विकास की बात है तो बंगाल के मामले में भी केन्द्र व राज्य सरकार आपसी सहयोग से कार्य करें व हमारा सहयोग लें तो मै मदद के लिये तैयार हूं। लेकिन हैरत है कि आज राजनीति की परिभाषा भी तमाम नेताओं को ज्ञात नही है। एक प्रश्न के जवाब में पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं की उदारता को कमजोरी न समझा जाये। राम मंदिर पर उन्होंने खरी खरी उत्तर देते हुए कहा कि कुछ हिंदु नेताओं के मस्तिक में गांठ के कारण राम मंदिर का निर्माण अटका है।

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