व्यापार डेस्क

नईदिल्ली। ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारियों विशेषतौर पर नगर पालिकाओं में रखे जाने वाले कर्मचारियों के नामांकन पर निगरानी रखने के लिए संगठन ने एक प्रणाली बनाई है, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों को सीधे या ठेकेदारों की मदद से सम्मिलित कराने वाले सरकारी निकायों सहित मूल रोजगार दाता भविष्य निधि में प्रदान किए गए राशि को वास्तविक आधार पर देख सकते हैं। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ठेकेदारों को वितरित किए गए भविष्य निधि की राशि और ठेकेदारों द्वारा वितरित किए गए भविष्य निधि की तुलना कर सकता है। इस राशि में अंतर संभवता विशेष चोरी को प्रदर्शित करेगा, जिसके विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले ठेकेदारों द्वारा जमा की गई राशि को सभी मूल कर्मचारी द्वारा देखे जाने की सुविधा उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति इस रिपोर्ट के द्वारा मासिक आधार पर कर्मचारियों की सूची में अपना नाम सम्मिलित होने या न होने की जांच भी कर सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यवाही रिपोर्ट प्रणाली को डिजिटल करने की प्रक्रिया में कार्यरत है। आशा है कि इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक कार्रवाही की जानकारी ऑनलाइन और वास्तविक आधार में प्राप्त की जा सकेगी। कर्मचारी भविष्य निधि पेंशनर के आंकड़ों को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। आंकड़ों को जोड़ने के दौरान देखा गया है कि कुछ मामलों में जन्म तिथि और पेंशनर के नाम में दोनों आंकड़ों में अंतर है। इसमें सुधार करने के लिए पेंशनर/सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे ईपीएफ कार्यालयों में दिए गए अपने आंकड़ों या आधार कार्ड में दिए गए आंकड़ों में से जो भी सही हो, उसे प्रदान करें। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने “एक कर्मचारी-एक कर्मचारी भविष्य निधि खाता” नामक विशेष अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान का उद्देश्य सदस्यों के कई खातों को एक साथ जोड़ना है, जिससे उनकी ईमेल/एसएमएस एलर्ट, ई-पासबुक तक पहुंच सुविधानुसार संभव किया जा सके। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि इस योजना से ईपीएफ सदस्यों को जीवनपर्यंत एक ईपीएफ खाते और कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा। आधार के साथ वैश्विक खाता संख्या (यूएएन) को जोड़ने के कारण ईपीएफ सदस्य को पूर्व के रोजगार के दौरान सेवा खाता को जोड़ने की सुविधा प्राप्त होगी। अप्रैल माह में ईपीएफ योजना 1952 के अनुच्छेद 68 एनएनएन, 68-ओ और 69 एवं नये अनुच्छेद-68-एनएनएनएन को सम्मिलित करने संबंधी 10 फरवरी, 2016 को जारी अधिसूचना को भी वापिस लिया गया। वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए ईपीएफ के केंद्रीय ट्रस्ट बोर्ड की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा सदस्यों को 8.8 प्रतिशत ब्याज देने को भी अंतिम रूप दिया गया।

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