पारादीप।

पारादीप बंदरगाह के यंत्रीकृत कोल हैंडलिंग प्लांट ने 84,656 मीट्रिक टन की मात्रा हेतु बर्थिंग से लेकर डी-बर्थिंग तक के लिए पैनामैक्‍स पोत एम.वी पाओला बोट्टीग्‍लीरी का लदान किया है। यह 4233 टीपीएच (1,01,587 टीपीडी) की सर्वकालिक सर्वोत्‍तम सकल उत्पादकता दर और 5084 टीपीएच की शुद्ध उत्पादकता दर है। यह प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय कोयला लदान बंदरगाहों से पूरी तरह मेल खाता है। यह पोत मेसर्सआंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के वास्‍ते मेसर्स बोथरा शिपिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किराये पर लिया गया था, ताकि विजयवाड़ा स्थित उसके संयंत्र को थर्मल कोल की तटीय ढुलाई की जा सके। पारादीप बंदरगाह एक बारहमासी बंदरगाह है, जो सतत आधार पर इस तरह के जहाजों का संचालन करने में सक्षम है। यह रिकॉर्ड विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है, क्‍योंकि भारतीय बंदरगाह काफी तेजी से जहाज पर से माल उतारने एवं लादने की क्षमता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। पारादीप बंदरगाह, भारत के पूर्वी समुद्री किनारे पर स्थित सबसे बड़े समुद्र तटों में से एक है, जो पारादीप पोर्ट ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है। यह ट्रस्ट भारत सरकार के स्वामित्व में है। यह पोर्ट राघवेन्द्र के द्वारा स्थापित किया गया था, इसे उड़ीसा राज्य का सबसे पहला बंदरगाह माना जाता है। इस बंदरगाह से पारागमित होने वाला प्रमुख सामान (माल) थर्मल कोल और लोहा है। ध्यान देने वाली एक दिलचस्प बात यह है कि यह बंदरगाह एक कृत्रिम हार्बर पर बनाया गया है। 43 फीट के एक न्यूनतम ड्राफ्ट के साथ 14-बर्थ बंदरगाह में 70,000 डीडब्ल्यूटी के जहाजों को धारण करने की अद्भुत क्षमता है। पारादीप का पोर्ट क्षेत्र इस्पात संयंत्रों, एल्यूमिना रिफाइनरी, एक पेट्रोकेमिकल परिसर, ताप विद्युत संयंत्रों, आदि के साथ अब एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होने जा रहा है। इन सभी के लिए योजनाएँ बनाई जा रही हैं।

 

 

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