कोलकाता। सीबीआइ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारधा मामले में कई फाइलें गायब हैं। उक्त केंद्रीय जांच एजेंसी नए सिरे से पूछताछ करने की तैयारी कर चुकी है। दरअसल सारधा घोटाले की प्राथमिक जांच राज्य पुलिस ने ही की थी। सीबीआइ का कहना है कि चिटफंड घोटाले से संबंधित 100 से अधिक फाइलें गायब हैं। सीबीआइ के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि मामले की प्राथमिक जांच करने वाली पुलिस ने सैकड़ों दस्तावेजों को नष्ट किया है। गायब हुए दस्तावेजों का विस्तृत ब्योरा राज्य प्रशासन से मांगा गया है।बहुचर्चित सारधा चिटफंड घोटाले में नया मोड़ आ गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछले तीन वर्षों से मामले की जांच कर रही सीबीआइ के रडार पर अब राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) सुरजीत कर पुरकायस्थ, कोलकाता पुलिस के आयुक्त राजीव कुमार, एसपी रैंक के अधिकारी अर्णब घोष समेत 20 उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं।सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजीपी, सीपी व एसपी रैंक के अधिकारियों को दोबारा समन भेजा गया है। अगर पुलिस की ओर से इस मामले में सहयोग नहीं किया जाता है और गायब किए गए दस्तावेजों के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है तो जांच एजेंसी इसपर कोर्ट की मदद से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। सीबीआइ का आरोप है कि मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया है।डीजीपी, सीपी समेत अन्य अधिकारियों को इस बाबत समन भी भेजा गया लेकिन उन्होंने हाजिर होने से मना कर दिया, उल्टे पुलिस ने मामले की समानांतर जांच भी जारी रखी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सीबीआइ उन्हें परेशान कर रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ पुलिस के दावे को खारिज किया है बल्कि समानांतर जांच पर भी रोक लगा दी। कोर्ट की सख्ती और सीबीआइ के दूसरे समन के बाद कोलकाता पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले से संबंधित कुछ जांच रिपोर्ट गत दिनों सीबीआइ के पास जमा भी करवाई है।

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