ठोका संप्रग अध्यक्ष पद पर दावा

jag sharad yadav

शरद यादव के साथ उनके अवास में अभयटीवी डाट कम व अभय बंग पत्रिका के सम्पादक जगदीश यादव।

कोलकाता। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अगले अध्यक्ष पद पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां की जगह लेंगे या नहीं, इसे लेकर अनिश्चतता के बादल गहरा गए हैं। इसकी वजह है कि इस पद पर तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अपना दावा ठोक दिया है। संप्रग के बेहद अहम सहयोगी रहे इन दोनों दलों ने संकेत दिया है कि उनके पार्टी प्रमुख इस पद के लिए उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं। कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस पद पर सोनिया गांधी के बने रहने की मांग की जा रही है हालांकि राहुल गांधी भी इस पद को संभालने में सक्षम हैं। मोइली ने कहा कि संप्रग की अध्यक्षता को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राहुल गांधी ने 16 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर आधिकारिक तौर पर पार्टी की बागडोर अपने हाथों में ली थी। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में कहा है कि उनकी पार्टी प्रमुख, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने की सबसे बेहतर क्षमता है। उन्होंने ममता बनर्जी के चार दशकों के राजनीतिक करियर, केंद्रीय कैबिनेट में उनकी विभिन्न भूमिकाओं पर जोर देते हुए कहा कि 2019 में तृणमूल, भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि ममता बनर्जी कांग्रेस में राहुल गांधी से बहुत वरिष्ठ हैं, वहीं राकांपा चाहती है कि उनके प्रमुख और पूर्व कांग्रेसी शरद पवार संप्रग की अध्यक्षता करें। पिछले हफ्ते एक राकांपा सदस्य ने कहा कि जब शरद पवार मौजूद हैं तो ऐसे में राहुल गांधी संप्रग के नेतृत्व के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते। बेशक जो व्यक्ति संप्रग का नेतृत्व करेगा वह अघोषित रूप से विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार होगा। हाल ही में, शरद पवार कांग्रेस से संपर्क साधने में वक्त लगाया जब उनके दल के नेता प्रफुल्ल पटेल ने गुजरात चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार दिए थे।  हाल में कांग्रेस ने जब अपनी निवर्तमान पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के सम्मान में एक रात्रि भोज का आयोजन किया था। उनके साथ मेज पर प्रणव मुखर्जी, एम हामिद अंसारी और मनमोहन सिंह बैठे थे। सहयोगी दलों में तृणमूल, वामदलों और द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के नेताओं को जगह दी गई थी। वहीं राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव को दूसरी मेज पर बिठाया गया था। इस पर एक कांग्रेस नेता का कहना था कि इससे साफ हो जाता है कि 2019 के लोक सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक उसके प्रमुख सहयोगी होंगे। वहीं, मोइली, ब्रायन के इस दावे को खारिज करते हैं कि ममता संप्रग अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त हैं। मोइली जैसे पार्टी के वरिष्ठï नेता चाहते हैं कि सोनिया गांधी को निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा बने रहना चाहिए और राहुल गांधी को सुझाव देना चाहिए। मोइली ने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी और संप्रग को सर्वाेत्तम नेतृत्व प्रदान किया। उनके नेतृत्व में सबसे अधिक सहयोगी दल कांग्रेस के साथ आए जिसमें वाम, तृणमूल सभी शामिल थे।

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