एक मरीज को दी जिन्दगी की सौगात

कोलकाता/ हुगली। कहते है कि अगर इरादे नेक हो तो आपके इरादे को कोई प्रभावित नहीं कर सकता है। जी हां, एक प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक ने सदियों पुरानी परंपरा से हट कर अपने पिता के श्राद्ध के लिए रखे पैसों को एक ऐसे मरीज के इलाज के लिए दे दिए जो किडनी प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहा है। उसने अपने पिता का श्राद्ध तो पारंपरिक रीति-रिवाजों के मुताबिक ही किया, लेकिन इस मौके पर दिए जाने वाले पारंपरिक भोज को रद्द कर उस मरीज को 50 हजार रुपये की रकम सौंप दी। चंडीतला प्राथमिक स्कूल में शिक्षक प्रसेनजित गोस्वामी ने जिस अशोक राय को उक्त रकम सौंपी वह पेशे से ई-रिक्शा चलाता है और किसी तरह अपनी रोजी-रोटी चलाता है। बीमारी के चलते बीते कुछ महीनों से तो वह रिक्शा भी नहीं चला रहा था। प्रसेनजित ने कहा कि उसके पिता हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार रहते थे। उनके आचरण ने ही मुझे इस काम के लिए प्रेरित किया। दोनों लोग हुगली जिले के रहने वाले हैं। गोस्वामी ने कहा कि उसने बरसों पहले ही पिता के श्राद्ध में भोज देने की बजाय वह रकम किसी जरूरतमंद को दान देने का फैसला कर लिया था। बीते छह दिसंबर को उसके पिता की मौत हो गई थी।

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