मालदा। राज्य के मालदा में एक स्कूल ने बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए एक अनोखा आइडिया निकाला है। बच्चियों के एडमिशन के लिए स्कूल प्रशासन अभिभावकों से एक बॉन्ड पेपर साइन करवा रहे हैं। इस बॉन्ड में लिखा है, ‘मैं अपनी बेटी की शादी 18 साल से पहले नहीं करूंगी’, जिस पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उनकी बेटी को स्कूल में दाखिला मिल सकेगा। मालदा स्थित डल्ला चंद्रमोहन हाई स्कूल ने स्वास्थ्य सर्वे की एक रिपोर्ट के आधार पर बेटियों के पैरंट्स के लिए यह एक अनिवार्य शर्त रखी है। रिपोर्ट के अनुसार, मालदा में 50 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से पहले कर दी जाती है। इस तरह स्कूल बाल विवाह के खिलाफ मुहिम में हिस्सा ले रहा है। स्कूल के इस कदम से जिला प्रशासन बेहद खुश है। उन्होंने स्कूल से किसी छात्रा के 7 दिन से अधिक समय तक अनुपस्थित रहने पर प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करने को कहा है। इसके बाद जिला प्रशासन इसके आगे की कार्रवाई करेगा। मालदा के डीएम कौशिक भट्टाचार्य कहते हैं, ‘डल्ला स्कूल ने महान काम किया है। हमने इस बारे में शिक्षा विभाग से भी बात की है और स्कूल को हरसंभव मदद देने का वादा किया है।’ मालदा चाइल्ड लाइन डेटा के अनुसार, पिछले साल इस जिले में 367 बच्चों की शादी हुई थी जो इस साल अक्टूबर तक बढ़कर 411 हो गया है। मालदा चाइल्ड लाइन के मालिक मनोमय मुखर्जी के अनुसार, ‘स्कूल के प्रयास से हमें भी कुछ मदद मिलेगी।’  स्कूल के हेडमास्टर जयदेव लाहिरी का इस मुहिम के बारे में कहना है, ‘हम अपने एक स्टूडेंट के बाल विवाह को नहीं रोक पाए थे उस दिन से हमने तय किया कि हम इस दिशा पर काम करेंगे। इसके तहत लड़की के माता-पिता को स्कूल में एडमिशन से पहले हमारे एक बॉन्ड पेपर पर हस्ताक्षर करने होंगे।’ जिले के जनकल्याण अफसर अशोक कुमार पोड्डार ने कहा, ‘चंद्रमोहन हाई स्कूल बाल विवाह के अलावा, तस्करीकरण और बालश्रम के खिलाफ भी मुहिम चला रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि दूसरे स्कूल भी इससे प्रेरित हों और इस तरह के कदम उठाएं।
Spread the love
  • 1
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
    1
    Share
  •  
    1
    Share
  • 1
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •