अभिभावकों का कोपभाजन बनी रुपा गांगुली भी

प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग तेज

होगी स्कूल प्रशासन व अभिभावकों की एक बैठक

कोलकाता। महानगर के जीडी बिरला सेंटर फॉर एजुकेशन में दो शिक्षकों द्वारा चार साल की मासूम बच्ची के साथ यौन शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को सैकड़ों लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। ये लोग स्कूल गेट के बाहर ही बैठ गए और आरोपी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। वहीं जब स्कूल में भाजपा सांसद रुपा गांगुली ने प्रवेश की कोशिश की तो स्कूल में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अन्दर नहीं आने दिया तो स्कूल में पढ़ने वालों के घरवालों ने रुपा गांगुली गो बैक के नारे भी लगाये।  इस विरोध-प्रदर्शन में छात्र ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी शामिल थे। ये लोग स्कूल को फिर से खोलने की मांग कर रहे थे। ऐसे में माहौल गरमाता देख स्कूल प्रशासन ने नोटिस के जरित सूचित किया कि जूनियर ऐंड सीनियर सेक्शंस सोमवार से बंद रहेंगे। इसके अलावा परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं। इधर, बीजेपी नेता व सांसद रूपा गांगुली भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंची लेकिन उन्हें भी विरोद का सामना करना पड़ा। थोड़ी देर तक स्कूल गेट के बाहर पर धरने पर बैठने के बाद रूपा गांगुली ने कहा कि बच्ची को न्याय मिलना चाहिए। बीजेपी बच्ची को इंसाफ दिलाकर रहेगी। हालांकि, छात्रों के गुस्साएं परिजनों ने रूपा से किसी भी मदद लेने से साफ इनकार किया।  वैसे  इस मामले की जांच कोलकाता की लाल बाजार पुलिस कर रही है। मंगलवार को स्कूल प्रशासन और छात्रों के अभिभावकों की एक मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। मामले में पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार किए जाने की सिफारिश की है। पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अनन्या चटर्जी चक्रवर्ती ने कहा कि स्कूल प्रिंसिपल इस मामले को समझदारी से हल कर सकती थीं। इसके उलट पहले उन्होंने ऐसी घटना से ही इंकार कर दिया। ऐसे में पॉक्सो ( यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम ) अधिनियम में वह भी एक कसूरवार हैं। प्रिंसिपल की गिरफ्तारी सबसे अधिक जरूरी है।चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने कोलकाता के पुलिस आयुक्त से बात की है और उन्हें कहा है कि प्रिंसिपल को निश्चित तौर पर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। चक्रवर्ती ने इस बात पर जोर दिया कि अनिश्चित काल तक के लिए संस्थान को बंद रखने के मामले में आयोग स्कूल प्रबंधन  के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पहल करेगा। आयोग के अन्य सदस्यों के साथ दक्षिण कोलकाता स्थित शैक्षिक संस्थान का दौरा करने के बाद चक्रवर्ती ने कहा कि स्कूल प्रबंधन संस्थान में पढ़ रहे सात हजार बच्चों का भविष्य जोखिम में नहीं डाल सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अयोग ने पुलिस से पीड़ित बच्ची की चिकित्सकीय रिपोर्ट भी मांगी है ।
Spread the love
  • 2
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
    2
    Shares
  •  
    2
    Shares
  • 2
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •