तीसरे दिन भी जारी रहा विरोध व हंगामा 

आज जांच कमेटी की रिपोर्ट देखेंगे शिक्षामंत्री

कोलकाता। महानगर के जाने-माने स्कूल जीडी बिरला सेंटर ऑफ एजुकेशन स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ हुए शोषण के कथित मामले के सामने आने के बाद से तनातनी का दौर शुर हो गया है। ऐसे में इस स्कूल को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यह फैसला स्कूल के बाहर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के चलते लिया गया है।बता दें कि स्कूल के दो शिक्षकों पर चार साल की छात्रा के शोषण का आरोप लगा था जिसके चलते उनको गिरफ्तार भी कर लिया गया था। इस मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल के सेकेंड्री एजुकेशन बोर्ड ने एक कमेटी भी बनाई है, जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इधर घटना के तीसरे दिन रविवार को भी अभिभावकों का धरना प्रदर्शन जारी रहा और इस पाशविक घटना के खिलाप हंगामा से लेकर विरोद का क्रम शहर भर में जारी रहा। रविवार को अभिभावकों ने एक फोरम गठित कर टालगंज इलाके में जुलूस निकाला और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों की मांग है कि उनके बच्चों की स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं। वहीं, स्कूल प्रबंधन उनकी बातों को सुने यह भी मुद्दा उठा रहे हैं। अभिभावकों का आरोप है कि जीडी बिरला स्कूल प्रबंधन की ओर से अब तक उनसे बात करने की कोशिश नहीं की है। हलांकि रविवार को प्रबंधन ने गेट पर अनिश्चित काल के लिए स्कूल बंद करने की घोषणा करते हुए नोटिस चस्पा दिया है। खबर है कि यौन उत्पीड़न के आरोपित दोनों पीटी शिक्षकों को स्कूल प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है। शिक्षकों की बर्खास्तगी को लेकर भी अभिभावकों का कहना है कि जब प्रिंसिपल यह कह रही थी कि स्कूल में कुछ हुआ ही नहीं तो फिर यह बर्खास्तगी क्यों की गई? दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने रविवार को कहा कि लड़कियों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों को और संवेदनशील होना होगा। यह मुझे पता नहीं कि लड़कियों के स्कूल में पुरुष पीटीए शिक्षक क्यों रखा गया। छात्राओं व छात्रों के लिए एक ही शौचालय क्यों रखा गया। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी भी उसी स्कूल में पढ़ती थी, उस समय स्कूल में शिक्षिकाएं ही काम करती थी। परंतु अब किस तरह से पुरुष शिक्षक नियुक्त किया गया, यह बड़ा सवाल है। जांच रिपोर्ट के संदर्भ में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सोमवार को मैं जब दफ्तर जाऊंगा, तब देखूंगा कि जांच के लिए गठित 3 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या है।
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