बीजेपी के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ने वालों के साथ है सपा

नोटबंदी व जीएसटी की वजह से रोजगार छीना

यूपी में बैलेट पेपर से चुनाव में बीजेपी की जीत की प्रतिशत सिर्फ 15

गरीब,किसानों और गांव हैं असली ताकत

जगदीश यादव

akhilesh1a

फोटो- पुषन चक्रवर्ती

akhilesh3

फोटो- पुषन चक्रवर्ती

akhilesh5

फोटो- पुषन चक्रवर्ती

akhilesh4

फोटो- पुषन चक्रवर्ती

कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजूट होने का आह्वान किया है। ऐसे में हमलोग उनकी भावना का स्वागत करते हुए उनके साथ हैं। समाजवादी पार्टी (सपा)  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रिमो ममता बनर्जी की हर लड़ाई में साथ है। उक्त बातें शनिवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाजाति सदन में पार्टी की राज्य सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने व नोटबंदी ने आम जनता की कमर तोड़ दी।  उसके बाद जब बिना तैयारी के जीएसटी लागू किया गया तो यह व्यवसायियों के लिए नुकसान देह साबित हुआ। अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ने वालों का सपा साथ देगी। अखिलेश ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और बैलेट पेपर से हुए चुनाव के अंतर के जरिए हार जीत के समीकरण पर टिप्पणी की तो यूपी के निकाय चुनाव में भाजपा की जीत पर उनका दर्द दिखा लेकिन दर्द पर राजनीति की दवा लगाते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी बता रही है कि उत्तर प्रदेश में कुल 16 चुनाव हुए हैं, जिनमें से 14 सीट भाजपा, 2 बहुजन समाज पार्टी को मिली। कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गायब हो गए। हम कहते हैं कि भाजपा की जीत का प्रतिशत 46% है जहां चुनाव प्रचार ईवीएम के माध्यम से किया गया था और जहां बैलेट पेपर से चुनाव हुए वहां 15% जीत का प्रतिशत है।’ भाजपा सरकार का अगर तीन साल का आकलन करें, तो यह सामने आयेगा कि आखिरकार उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया. पिछले तीन वर्षों में गरीब और भी गरीब हुआ है।नोटबंदी व जीएसटी की वजह से रोजगार छीना, देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। गुजरात में होनेवाले विस चुनाव के संबंध में अखिलेश यादव ने कहा कि वह चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जायेंगे। लोगों को भाजपा के झूठे प्रचार अभियान के प्रति सतर्क करना है। साथ ही उन्होंने आनेवाले लोकसभा चुनाव में सपा की महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का दावा किया।उन्होंने कहा कि यूपी बड़ा क्षेत्र है और जहां 80 लोकसभा सीट हैं। असली ताकत गरीब किसानों और गांवों में है और इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं यूपी में पूर्व सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खान ने कहा कि निकाय चुनाव में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई लेकिन सेटिंग जरूर थी। जहां ईवीएम से चुनाव हुए वहां भाजपा जीती, जहां बैलेट पेपर से चुनाव हुए वहां सपा। बता दें कि यूपी निकाय चुनाव में तीन चरणों में मतदान कराए गए थे। इसमें 16 महापौर की सीटों में से 14 भाजपा और 2 बसपा ने जीती। वहीं नगरपालिका अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में 67 सीट भाजपा, 45 सपा, 9 कांग्रेस और 28 बसपा ने जीती। वहीं 438 नगरपंचायत अधयक्षों में 100 सीट भाजपा, 45 बसपा, 83 सपा, 17 कांग्रेस , 2सीटें राष्ट्रीय जनता दल, 3 सीटें राष्ट्रीय लोकदल और 2 आप, 181 निर्दलीय और 1 ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन ने जीती। इस चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस 2 नगरपालिका और 2 नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट में से एक भी नहीं जीत सकी, वहीं कन्नौज,जहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं, वहां सपा का खाता नहीं खुला। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की इज्जत  उनके क्षेत्रों बची रही। शनिवार को सपा की ओर से प्रदेश की नयी कार्यकारिणी समिति के गठन पर चर्चा की गयी। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा,सपा के युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव ने भी अपनी बात कही। बहरहाल देखना है कि यूपी में निकाय चुनाव में भी भद्द पिटाने का बाद अखिलेश यादव बंगाल में दीदी के साथ मिलकर क्या गुल खिलाएगें।

यह भी पढ़ें, ‘राज्य के सपाइयों में नई उर्जा का संचार करेंगे अखिलेश यादव’  http://108.61.14.2/~abhaytv/राज्यकेसपाइयोंमेंनईउर/

 

 

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •