परमहंस व मां शारदा देवी व रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की

नेताजी बोस के पैतृक घर का भी किया दौरा

जगदीश यादव

कोलकाता/बेलुड़।kovind belur11 राज्य के दौरे पर आये राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज हावड़ा के बेलुड़ स्थित रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ने मध्य कोलकाता के जोड़ासांको ठाकुर बाड़ी पहुंचकर राष्ट्रगान के रचयिता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और यहां अधिकारियों से बातचीत की। वहीं महामहिम कोविंद दक्षिण कोलकाता स्थित  भवानीपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पैतृक घर का भी दौरा किया अौर बोस इंस्टिट्यूट के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने आचार्य जगदीश चंद्र बोस द्वारा स्थापित बोस अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। राज्य में आईटी में धीमी शुरुआत को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद ने बुधवार को डिजिटल के कारण पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने और अपने प्रसिद्ध वैज्ञानिक उद्यमियों की अतीत की सफलता को दोहराने का आग्रह किया। बोस इंस्टीट्यूट के kovind neta jee2समापन समारोह में कोविंद ने कहा, बंगाल सूचना प्रौद्योगिकी व आईटी सक्षम सेवाओं में धीमी हिस्सेदारी रही है। अब इसके पास एक अन्य अवसर आया है। उन्होंने कहा, हम डिजिटल प्रौद्योगिकी के स्फोट के मध्य हैं। विनिर्माण व जैवसूचना विज्ञान हमारी कार्यशैली को बदल रहे हैं, रोबोटिक्स हमारी जीवनशैली को बदल रहा है। ये सभी बंगाल को अवसर देते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि बंगाल देश की शुरूआती औद्योगिक और विनिर्माण अर्थव्यिवस्थाशओं में से एक है। इस विरासत और इसके शैक्षिक संस्थानों के साथ इस संस्थान को हमारे देश के सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करना चाहिए। लेकिन किसी भी कारण से सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम क्षेत्रों में इसने देरी से शुरूआत की है और सूचना प्रौद्योगिकी का केन्द्र हमारे देश के दक्षिणी राज्यों  जैसे अन्य राज्यों में स्थपित हो गए। अब बंगाल के पास दूसरा अवसर है। इस समय हम डिजिटल प्रौद्योगिकियों के फैलाव के चरण में हैं। जिस प्रकार से हम कार्य करते थे, उनकी दिशाएं सटीक विनिर्माण और जैव सूचना जैसी आधुनिक विधाओं के कारण बदल रही हैं। रोबोटिक्स भी हमारे जीवन में परिवर्तन ला रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि इन सबकी वजह से  बंगाल के विज्ञान और बंगाल के प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों के लिए काफी अवसर उपलब्ध है। आचार्य जगदीश चंद्र बोस को हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि नवाचार और खोज के इस नये युग को अंगीकार करना होगा, जैसा कि उन्होंकने शताब्दीस पहले नवाचार तथा खोज की प्रक्रिया का नेतृत्व किया था। देश के शुरुआती वैज्ञानिक उद्यमियों, बंगाल के पथ प्रदर्शक वैज्ञानिकों व प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनके द्वारा हासिल उपलब्धि के जादू को फिर से निर्मित करने की जरूरत है।इस संदर्भ में कोविंद ने आचार्य पी.सी.रे का उल्लेख किया। पी.सी. रे ने पहली भारतीय स्वामित्व वाली फार्मास्यूटिकल कंपनी बंगाल केमिकल्स व फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की स्थापना की थी। बोस इंस्टीट्यूट की सराहना करते हुए कोविंद ने कहा कि इसने 100 सालों में राष्ट्र निर्माण की भावना को प्रेरित किया है। राष्ट्रपति ने संस्थान के संस्थापक आचार्य जगदीश चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की।इससे पहले महामहिम कोविंद ने आज सुबह राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ यहां पहुंचकर विभिन्न मंदिरों के दर्शन करने के बाद स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कोविंद ने रामकृष्ण मठ के प्रमुख और रामकृष्ण मिशन के श्रीमंत स्मरणानंदजी महाराज से बातचीत की। उन्होंने  कोविंद को मिशन की गतिविधियों की जानकारी दी। कोविंद ने मिशन के गरीबी शमन और शैक्षणिक परियोजनाओं में काफी रूचि दिखायी। कोविंद को मठ में प्रसाद भी दिया गया।

 

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