दुनिया का सबसे बड़ा रसगुल्ला बनाने का दावा

कोलकाता। राज्य के नादिया ज़िले के फुलिया इलाके में एक बड़ा रसगुल्ला बनाया गया. इस विशाल रसगुल्ले का वज़न तकरीबन 8 किलो है और इसका डायमीटर 2 फीट है. रसगुल्ले को 5 लोगों की टीम ने मिलकर बनाया और इसे बनाने में 5 घंटे का समय लगा. फुलिया के लोगों का दावा है कि रसगुल्ले का आविष्कार उन्हीं के यहां हुआ था, लोगों का मानना है कि हाराधन मयरा नाम के व्यक्ति ने वहां रसगुल्ले को पहली बार बनाया था. इस विशाल रसगुल्ले ने लोगों को भी खूब आकर्षित किया, रसगुल्ले को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. रसगुल्ले को बनाने वाली टीम ने बताया कि इसे बनाने में 6 किलो छेने का इस्तेमाल हुआ और इसमें 150 किलो चीनी भी लगी. लोगों को यह भी दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा रसगुल्ला है.
रसगुल्ले के मालिकाना हक को लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार के बीच पिछले कई वर्षों से एक ‘मीठा युद्ध’ चल रहा था, जिसमें पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की जीत हुई. दरअसल पिछले हफ्ते बंगाल के रसगुल्ले को जियोग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग मिल गया, जिसके मुताबिक, रसगुल्ले की शुरुआत पश्चिम बंगाल में हुई थी.
जियोग्राफिकल इंडिकेशन को एक पहचान के रूप में समझा जा सकता है, जो बताता है कि किसी प्रोडक्ट की शुरुआत किस इलाके से हुई थी. जियोग्राफिकल इंडिकेशन से यह फैसला किया जाता है कि किसी चीज़ को किस इलाके, समुदाय या समाज से अपनी पहचान मिलती है. उदाहरण के रूप में जैसे दार्जीलिंग की चाय, मैसूरू की सिल्क है, वैसे ही जियोग्राफिकल इंडिकेशन मिलने के बाद अब रसगुल्ला बंगाल का हो गया. रसगुल्ले को जीआईI टैग मिलने पर पश्चिम बंगाल के लोगों में एक खुशी की लहर है जिसका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ट्वीट से हो जाता है. रसगुल्ले को जीआई टैग मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, “हम सब के लिए ये एक अच्छी और मीठी खबर है. पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआई टैग मिलने पर हमें बेहद खुशी है और ये हमारे लिए गर्व की बात है.”

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