कोलकाता। रेलवे ने खड़गपुर में एशिया का सबसे बड़ी सॉलिड स्टेट इंटरलॉकिंग (एसएसआई) प्रणाली स्थापित की है। इसे प्रणाली से स्टेशन मास्टर महज कुछ ही मिनटों में ट्रेनों के लिये करीब 800 अलग-अलग रूट तय कर सकेंगे। इंटरलॉकिंग एक रेलवे सिग्नल उपकरण है जो ट्रेनों के विरोधाभासी आवागमन को जंक्शन या क्रॉसिंग जैसी पटरियों की व्यवस्था से रोकता है।
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसे अत्याधुनिक तरीके से 39 करोड़ रूपये की लागत से स्थापित किया गया है जो 1989 से पहले के 423 रूटों वाली पुरानी रूट रिले इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग प्रणाली की जगह लेगी। इसके साथ ही एसएसआई सॉफ्टवेयर उन रूटों की भी पहचान करेगा जिन्हें कोई ट्रेन ले सकती है और इसकी सूचना पैनल पर काम कर रहे स्टेशन मास्टर को भी देगा जिससे संचालन का समय कम होने के साथ ही मानवीय चूकों की गुंजाइश भी कम होगी।
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