जगदीश यादव
कोलकाता। exclusiveभले ही लोगों को अंसार बांग्ला टीम (एबीटी), जिसे अंसार बांग्ला भी कहा जाता है का नाम कुछ नया लगे लेकिन यह आतंकी चरमपंथी संगठन नया नही है। बांग्लादेश व सूत्रों व दस्तावेजो से मिली जानकारी को माने तो यह बांग्लादेश में एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है। अलकायदा आतंकी संगठन की एक शाखा जिसके द्वारा कथित इस्लाम विरोधियों पर नजर रखने के साथ ही कार्रवाई को भी अंजाम देता है। यही वजह रही होगी कि इस संगठन द्वारा 2013 से 2015 तक बांग्लादेश में कथित नास्तिक ब्लॉगर्सो की हत्या बैंक डकैती तक को अंजाम दिया जाता रहा है। मिली जानकारी पर भरोसा करें तो बांग्लादेश में ही 25 मई 2015 को संगठन को गैरकानूनी घोषित किया गया था। पड़ोसी देश में इस संगठन के कई आतंकी कहे या सदस्य गिरफ्तार किये जाते रहें हैं। उक्त देश के ही एक आतंकवाद अनुसंधान एवं विश्लेषण के मुताबिक, एबीटी बांग्लादेश में अलकायदा द्वारा प्रेरित व पोषित इस्लामी चरमपंथी समूह है। स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली में अल कायदा से जुड़ा जो एक आतंकी गिरफ्तार किया गया था वह आतंकी नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था। रज़ा उल अहमद नाम का ये आतंकी भारत में जाली नोटों का रैकेट चला रहा था। इसकी शिनाख्त बांग्लादेश स्थित अंसार बांग्ला के सदस्य के तौर पर की कई थी। उत्तर प्रदेश एटीएस ने कथित बांग्लादेशी आतंकी को गिरफ्तार किया है। अगस्त माह में इसी साल यूपी एटीएस द्वारा मुजफ्फरनगर से अब्दुल्लाह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि अब्दुल्लाह बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी समूह अंसारुल्ला बांग्ला टीम से जुड़ा हुआ है। एटीएस के आईजी ने असीम अरुण ने कहा है कि अब्दुल्लाह को मुजफ्फरनगर जिले के चरथावाल इलाके से गिरफ्तार किया गया है। अब्दुल्लाह के पास से आधार कार्ड और पासपोर्ट भी मिला था। कहा जा रहा कि बिते दिनों बांग्लादेश में हिंदु परिवार के जिन घरों में आगजनी व हमला किया गया था इसमे भी इस संगठन का हाथ माना जा रहा है।

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