2016 में राज्य में 208 मौतें व 229 लोग घायल 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट का खुलासा

कोलकाता। dead 13कुछ दिनों पहले ही एक रिपोर्ट में कहा गया था कि महिला तस्करी के मामलों में बंगाल देश भर में अव्वल है। अब एक और ऐसी रिपोर्ट आय़ी है तो राज्य सरकार को चिंतित कर सकती है।  केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के बाद हुई हिंसा के दौरान मौत के मामले में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है। वर्ष 2016 में राज्य में इस तरह की मौतों के 208 मामले सामने आए, वहीं 229 लोग घायल हो गए। हालांकि यह अभी शुरुआती रिपोर्ट है और फाइनल रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में जारी की जाएगी। यह रिपोर्ट संसद को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में ओडिशा इस तरह की मौतों के मामले में शीर्ष स्थान रहा था। यहां इस तरह की 2239 घटनाओं में 800 लोगों की मौत हो गई थी। पश्चिम बंगाल में वर्ष 2015 में 252 मौतें हुई थीं और यह दूसरे स्थान पर रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक हालांकि यह संख्या कम हुई है लेकिन यह ट्रेंड राज्य के लिए ठीक नहीं है। यह पुलिस तथा कानून और व्यवस्था में अविश्वास का प्रतीक हो सकता है। प्रख्यात समाजशास्त्री प्रशांत राय ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि लोग कानून अपने हाथों में ले रहे हैं। जो इस तरह की घटनाओं में शामिल हैं, उन्हें शायद यह भी नहीं पता होता है कि घायल कौन है। पुलिस समय पर नहीं पहुंच रही है, यह भी एक कारण हो सकता है।’ एक राज्य ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने के मामले बहुत कम हैं। तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश में सड़क हादसों में लोगों की मौत का संख्या ज्यादा है लेकिन हिंसा में मौतों की संख्या कम है।’ वहीं एक रिटायर पुलिस अधिकारी का मानना है कि यह पूरी तरह से कानून और व्यवस्था के फेल होने का मामला है। शीर्ष अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं। बहरहाल देखना है कि इस रिपोर्ट के बाद भी बंगाल में उक्त तरह के हालात बदलते है कि नही।
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