ममता सरकार के फैसले का ऐलान
राज्य सरकार नविको को देगी सरकारी नौकरी
रामकृष्ण,मां शारदा व स्वामी विवेकानंद करते थे यात्रा

कोलकाता। प्राचीन प्रेमियो के लिये यह दुखद बात हो सकती है कि 100 वर्ष पुरानी नौका सेवा को बंद करने की तैयारियां की जा रही है। राज्य सरकार के परिवहन मंत्री शुभेन्दु अधिकारी ने कहा है कि इस सेवा के बंद होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए जरूरी इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे। बता दें कि उक्त नौका सेवा बेलूर और दक्षिणेश्वर के बीच चलायी जाती रही है। परिवहन मंत्री ने कहा कि हाल में इस नौका सेवा के जरिए जीवन यापन करने वाले नाविकों को मुआवजे के तौर पर राज्य सरकार में नौकरी दी जाएगी। मंत्री की माने तो वर्तमान में दक्षिणेश्वर से बेलूर मठ के बीच कुल 40 नावों का संचालन हो रहा है और हर एक नाव के लिए एक नाविक को राज्य सरकार में नौकरी देने की व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि बेलूर से दक्षिणेश्वर के बीच बने विवेकानंद ब्रिज के निर्माण से पहले ये नौका सेवा ही इन दोनों स्थानों के बीच परिवहन का इकलौता माध्यम थी। स्वयं स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामकृष्ण परमहंस और शारदा देवी भी इसी नौका सेवा के जरिए इन स्थानों पर आते जाते थे। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने इस ऐतिहासिक सेवा को बंद करने का फैसला किया है। वहीं क्रूज के जरिए बेलूर और दक्षिणेश्वर के बीच की यात्रा को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र कहा जाता है और हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक इनसे अपनी यात्रा करने यहां आते हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल सरकार नौका सेवा बंद होने के बाद क्रूज सर्विस के विस्तार की तैयारी कर रही है। वहीं राज्य सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने के फैसले को लेकर नाविकों के बीच खुशी है। उन्होंने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। बहरहाल देखना है कि आमजन में सरकार के इस फैसले का क्या असर दिखता है।

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