चारो ओर तबाही का मंजर
मृतकों के प्रति पीएम मोदी ने जताया शोक

सुलेमानिया/नई दिल्ली।earthquakeजब धरती मौत बन कर डोलती है तो लाशें बिछ जाती है। ईरान-इराक सीमा के पास आए शक्तिशाली भूकंप से 328 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार राहत और बचाव कार्य जारी है और मलबे में और कई लोगों के दबे होने की आशंका है। ईरान के अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में 2500 से ज्यादा लोग घायल हैं। भूकंप रविवार रात 9.18 मिनट पर आया जिसकी गहराई 15 मील थी। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि भूकंप का केंद्र इराक़ी कस्बे हलब्जा से दक्षिण-पश्चिम में 32 किलोमीटर दूर स्थित था। ईरानी टीवी मीडिया के मुताबिक, भूकंप से ईरान के कई स्थानों पर बिजली भी बाधित हुई है, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है। अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण यानी यूएसजीएस के मुताबिक भूकंप का केंद्र हलाब्जा से 20 मील दक्षिण-पश्चिम में था। तो वहीं कुर्दिश टीवी का कहना है कि इराकी कुर्दिस्तान में कई लोग भूकंप की वजह से अपने घरों को छोड़कर जान बचाकर भाग गए हैं। हालांकि अभी वहां से जानमाल के नुकसान की कोई ख़बर नहीं मिली है। पांच साल पहले भी ईरान-इराक में दो बड़े भयानक भूकंप आए थे जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई थी। अगस्त 2012 में भी ईरान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में दो जबर्दस्त भूकंपों में करीब 250 लोग मारे गए और 1300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इधर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईरान और इराक में भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति शोक जाहिर किया है. प्रधनमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, मोदी ने भूंकप में लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया है. भूकंप से ईरान और इराक के कई इलाके प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने ईरान और इराक के कई हिस्सों में त्रासदी पूर्ण भूकंप में जान गंवाई. मैं इसमें घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उल्लेखनीय है कि ईरान-इराक की पहाड़ी सीमा पर 7.3 की तीव्रता का भूकंप आने से 207 लोगों की मौत हो गई और 1700 लोग घायल हैं. भूकंप के कारण हुए भूस्खलन के कारण वहां बचाव कार्य में बाधा हो रही है।

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