कोलकाता हाई कोर्ट ने पूछा क्यों नहीं बना बीमार का आधार कार्ड ?

कोलकाता। महानगर स्थित कोलकाता हाईकोर्ट ने आधार कार्ड से जुड़े एक मामले पर केंद्र सरकार से 13 नवंबर तक जवाब देने को कहा है। दरअसल बेहला निवासी 27 साल के सनत मित्रा नाम के शख्स को एक केरेब्रल पालसी नाम की एक बीमारी है जिसके चलते उसे आधार कार्ड बनवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए उन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सनत 83 प्रतिशत विकलांगता का शिकार हो चुका है। ऐसे में उसका स्वंय कोई काम करना काफी मुश्किल होता है। कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायधीश देवांशु बसाक ने केनद्र सरकार के वकील को एक तरह से फटकार लगाते हुए कहा कि केन्द्र द्वारा हर एक को दिसम्बर माह तक बैंक सहित तमाम मामलों में आधार लिंक करवाने के लिये कहा गया है तो फिर सनत के मामले में अपवाद क्यों। आखिर सरकार ही अपने नियम को क्यों भंग कर रही है। न्यायधीश ने कहा कि अगर मै कहूं कि कल ही आधार के नमूना संग्रह कर लाये तब आपलोग क्या करेंगे?। विकलांग सनत 15 जुलाई 2016 को आधार कार्ड के लिये कैंप में गया था। जहां पहली बार ही उसके आंखों व अंगूंलियों के छाप लेने में समस्या हुई। सनत फिर कैंप में 9 अगस्त को गया तब भी काम नहीं हुआ। इसके बाद सनत ने निगम कार्यालय का रुख किया और तब उसके घर आधार के नमूना लेने के लिये लोग आये। लेकिन केन्द्रीय सरकार के लोग क्यों नहीं आये तभी तो सनत को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। सनत के वकील द्वाय जयंत नारायण व देवाशिष चट्टोपाध्याय का आरोप है कि 2016 के आधार कानून के अनुसार 5 न. धारा में कहा गया है कि महिला, बच्चे, बुजुर्ग नागरिकों ही नहीं विकलांगों के घर जाकर आधार का नमूना करना होगा। आखिर सनत के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ।

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