गंगा घाटों पर सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी
मुर्हरम के दिन नहीं हुआ विसर्जन

जाकीर अली
कोलकाता।

DURGA IDOL IMMERSION_BABUGHAT_KOLKATA_30 SEP 2017_MADANMOHAN SAMANTA. MOB : 9831689136

फोटो- पुषन चक्रवर्ती

चार दिनों के उल्लास के बाद विजय दशमी के दिन महानगर कोलकाता सहित राज्य भर में तमाम दुर्गा प्रतिमाों का विभिन्न गंगा घाटों में विसर्जन हुआ। देवी भक्तों ने इस दौरान भरी आंखों से की दुर्गतनाशिनी को विदा किया और सबके लिये मंगल कामना की। वहीं मुर्हरम के कारण महानगर कोलकाता में रविवार को माता दुर्गा की प्रतिमाों का विसर्जन नहीं हुआ। एडिशन डायरेक्टर जनरल अनुज शर्मा ने बताया कि इस दिन प्रतिमा विसर्जन के लिए पूजा आयोजक की तरफ से कोई आवेदन नहीं आया । उन्होंने कहा कि सभी जिलों को मिलाकर 25 हजार पूजा कम्युनिटी हैं और अब तक हमें एक भी आवेदन नहीं मिला है। बता दें कि कोर्ट ने ममता के इस फैसले का सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर रोक लगानी ही थी तो सभी पर लगाई होती। किसी एक संप्रदाय पर ही क्यों। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि झगड़े की स्थिति से निपटने के लिए सरकार और सुरक्षा प्रशासन को तैयार रहना चाहिए। शान्ति बनाए रखने के लिए प्रशासन को व्यवस्था बनानी चाहिए।
इधर दुर्गा पूजा की मूर्तियों के दशमी के दिन विसर्जन की तैयारी को देखते हुए कोलकाता पुलिस और नगर निगम ने घाटों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए। इसके लिए घाटों पर जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वहीं महानगर समेत हुगली जिले में भी ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। शहर और उसके आसपास गंगा के विभिन्न घाटों पर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई । देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन विजय दशमी से तीन अक्तूबर तक हर दिन होना है। ऐसे मे रविवार को मुर्हरम का दिन होने के कारण सुरक्षा को लेकर कहीं कोई कमी न रह जाए इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रही।नदी के किनारे स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घाटों के निगरानी टावरों से विशेष निगरानी की व्यवस्था रही। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हम घाटों पर कड़ी चौकसी बनाए हुए हैं। साथ ही विसर्जन के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर घाट पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा आपदा प्रबंधन कर्मियों की टीमें भी सभी घाटों पर तैनात की गई हैं। साथ ही सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि भीड़ में किसी भी तरह के अफवाह की आशंका पर अंकुश लगाया जा सके। प्रशासन ने घाटों पर अतरिक्त लाइट भी लगाए हैं। इसके अलावा प्रदूषण से बचने के लिए नदी से मूर्तियों के अवशेष और फूल-पत्तियां निकालने के लिए क्रेन लगाए गए हैं।

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