उज्जैन।  मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के ग्राम निनौरा में सिंहस्थ कुंभ के दौरान हो रहे तीन-दिवसीय अंतरर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ का समापन शनिवार को हो रहा है। पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश से एक बार का खाना त्याग करने का आह्वान किया था और कईयों ने उनके कहे का पालन भी किया। ज्ञान अमर है और हर युग में उसका महत्व रहेगा।’ अपनी बात पूरी करते हुए पीएम ने कहा ‘एक वक्त था जब समुद्रों को पार करना अशुभ माना जाता था लेकिन अब वह नज़रिया बदला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने सिंहस्थ महाकुंभ का मेनिफेस्टो जारी किया। उन्होंने कहा कि ‘हम सभी लोग आत्मा के अमरत्व से जुड़े हैं। कुंभ मेला पुरातन परंपराओं में से एक है और विशाल भारत को अपने आप में समेटने का प्रयास कुंभ से ही शुरू हुआ है।’विचार महाकुंभ की बात करते हुए पीएम ने कहा कि ‘यहां एक नए प्रयास का जन्म हो रहा है, कई सालों पहले जो हुआ है उसके आधुनिक संस्करण का जन्म हो रहा है। हम एक ऐसी परंपरा का हिस्सा हैं जहां भिक्षुक कहता है कि जो मुझे दान दे उसका भी भला हो और जो न दे उसका भी कल्याण हो।’ दुनिया भर में हो रहे संघर्षों पर रोशनी डालते हुए पीएम ने कहा ‘आज ‘नैतिक श्रेष्ठता’ की सोच ही संघर्ष की वजह बनी हुई है। हमें अपने भीतर झांकना होगा और देखना होगा कि किस तरह हम खुद को विकसित कर सकते हैं।’ इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सहित पांच देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, वहीं भारत के चार अलग-अलग राज्य के मुख्यमंत्री भी बतौर अतिथि विशेष रूप से मौजूद हैं।

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