राज्य सरकार ने बदला अपना फैसला

कोलकाता। मूर्ति विजर्सन की समय सीमा तय करने के अपने फैसले को लेकर लोगों के निशाने पर आईं राज्य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को आखिरकार अपना फैसला बदलना पड़ा. अब उन्‍होंने कोर्ट में कहा है कि लोग विजयदशमी के दिन रात 10 बजे तक मूर्ति विसर्जन कर सकते हैं. पहले उन्‍होंने तय किया था कि मूर्ति विसर्जन शाम 6 बजे तक ही हो सकेगा. इसके पीछे उन्‍होंने दलील दी थी कि मुहर्रम और विजयदशमी एक साथ होने के कारण मूर्ति विसर्जन 6 बजे के बाद नहीं किया जा सकता. इसके बाद कई संगठन इस पर विरोध दर्ज कराते हुए मामले को कोर्ट में ले गए थे. मामले की सुनवाई के दौरान ममता सरकार ने अपने रुख में बदलाव लाते हुए कहा कि हमने विसर्जन के समय को बढ़ाते हुए रात 10 बजे तक कर दिया है. हालांकि याचिकाकर्ता इस समय को देर रात 1 बजे तक कराना चाहते थे. दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि मोहर्रम के कारण इस साल दुर्गा पूजा के बाद होने वाले मूर्ति विसर्जन पर 30 सितंबर की शाम 6 बजे से लेकर 1 अक्टूबर तक रोक रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा था , ‘इस वर्ष दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन पड़ रहा है। मोहर्रम के 24 घंटों को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन किया जा सकता है.’ ममता ने कहा कि मुहर्रम के जुलूसों के चलते दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर यह रोक रहेगी. कोलकाता हाईकोर्ट में पिछले साल दायर की गई तमाम जनहित याचिकाओं के बावजूद इस साल भी ऐसा किया जा रहा है.पिछले साल भी ममता ने इसी तरह से मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध जारी किया था, क्योंकि तब भी विजय दशमी मुहर्रम से एक दिन पहले मनाया गया था. इस फैसले के खिलाफ कोलकाता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह एक समुदाय को रिझाने जैसा प्रयास है. अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि इससे पहले कभी विजयदशमी के मौके पर मूर्ति विसर्जन पर रोक नहीं लगी थी. हाई कोर्ट ने सरकार के निर्णय को ‘मनमाना’ करार दिया था और ‘जनता के अल्पसंख्यक वर्ग को खुश करने’ का राज्य द्वारा ‘स्पष्ट प्रयास’ कहा था.

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