कई और मंत्रियों के पर कतरें जाने की सम्भावना

कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल में कई फेर बदल कर एक बार फिर जाहिर कर दिया कि काम नहीं करने वालों के लिये उन्होंने खतरे की घंटी बजा दिया है। राज्य सचिवालय सूत्रों के अनुसार सीएम ने पूर्णेन्दु बसु को कृषि मंत्रालय से हटाकर उन्हें लोकनिर्माण यानी तकनीकी और सार्वजनिक शिक्षा दफ्तार का प्रभार दिया है। वहीं रामपुर के विधायक डॉ. आशीष बनर्जी को  कृषि मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गई है। जबकी डॉ. आशीष बनर्जी के विभाग योजना व सांख्यिकी दफ्तर का जिम्मा तकनीकी मामलों के राज्य मंत्री असीमा पात्रा को सौंपी गई है। बता दें कि लोकनिर्माण का विभाग सुब्रत मुखर्जी देख रहें थें। सुब्रत मुखर्जी का विभाग किसी अन्य को दिये जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाओं का दौर भी शुरु हो गया है। यहांतक कहा जा रहा है कि सीएम ने अब कईयों के पर कतरने शुरु कर दिये है। हो सकता है कि कई और मंत्रियों के पर बी कतरें जाये तो हैरत की बात नहीं होगी।
ज्ञात रहे कि 16 मई को चंद्रिमा भट्टाचार्य को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया था।  वह स्वतंत्र रूप से ई-प्रशासन का जिम्मा संभालने के साथ ही ममता बनर्जी के अधीन स्वास्थ्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहीं है। फिलहाल राज्य में ममता सरकार के 44 सदस्यीय मंत्रिमंडल में ममता समेत महिला मंत्रियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
सनद रहे कि लगभग48 घंटे पहले ही  विकास के कार्यो की अवहेलना होते देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पारा आज चढ़ गया था औऱ उन्होंने विकास के काम तेजी नही दिखाने वालों को फटकार लगाई।  राज्य में प्रशासनिक  सेवा दुरुस्त करने के लिए और प्रशासनिक अधिकारी, विभागीय मंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री  ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नावन्न  के नये सभागार में प्रशासनिक बैठक कि। बैठक के बाद उन मंत्रियों की सीएम ने एक तरह से क्लास लेते हुए भी खरीखोटी सुनाई जिनका विभाग विकास कार्य में सुस्त है। बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार की यह 14 वां प्रशासनिक बैठक है। अब तक 300 बैठक हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री  ने उन दफ्तरों की भी कड़ी अलोचना की थी जिनके द्वारा 15 प्रतिश्त से भी कम खर्च किये गये । विशेष कर कानून दफ्तर के मंत्री मलय घटक की कड़ी अलोचना करते हुए उन्हें सीएम ने काम में ध्यान देने के लिये कहा।  20 विभाग है ऐसे भी है जिनके द्वरा विकास के नाम पर 15% प्रतिश्त ले भी कम खर्च किये गये है।  15 प्रतिशत ऐसे भी विभाग है जिनके द्वारा   40 से 80 प्रतिशत तक खर्च किये गये है । सीएम के इस क्रियाकलाप के बाद ही कयास लगने शुरु हो गये तें कि मंत्रीमंडल में फेरबदल हो सकते हैं।
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