ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ी
एनयूबीसी ने किया सरकार के इस कदम का स्वागत

RAM JAG 2

नैशनल यूनियन ऑफ बैकवर्ड क्लासेस एससी, एसटी एंड माइनोरिटीज (एनयूबीसी) के पं.बंगाल के महा सचिव रामक्रीत यादव व उपाध्यक्ष जगदीश यादव.

नई दिल्ली/कोलकाता। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। केंद्रीय कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ा दिया है। अब आठ लाख रुपये सालाना तक कमाने वाली अन्य पिछड़ी जातियां (ओबीसी) क्रीमी लेयर में आएंगी। पहले यह सीमा छह लाख रुपये सालाना की थी। सरकार के नए फैसले की वजह से अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में आरक्षण का फायदा मिल सकेगा। जेटली ने बताया कि ओबीसी की सूची में सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गई है। इससे, लाभ पाने से वंचित रह जाने वाले लोगों को भी शामिल किया जा सकेगा। अब तक 6 लाख रुपये या इससे अधिक सालाना आय वाले ओबीसी परिवार को लाभ पाने वालों की सूची से हटाकर क्रीमी लेयर में रखा गया था। इस आय वर्ग के ओबीसी को किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर को फिर से परिभाषित करने की मंशा जाहिर की थी, ताकि इसका फायदा जरूरतमंद और समाज के निचले तबके तक पहुंचाया जा सके। ओबीसी आरक्षण के लिए आखिरी समीक्षा 2013 में की गई थी।
इधर मामले पर नैशनल यूनियन ऑफ बैकवर्ड क्लासेस एससी, एसटी एंड माइनोरिटीज (एनयूबीसी) के पं.बंगाल के महा सचिव रामक्रीत यादव व उपाध्यक्ष जगदीश यादव ने कहा की यह ओबीसी की एक महान जीत है। मोदी सरकार इस वर्ग के समग्र विकास के लिये युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। इसके लिये पीएम नरेन्द्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेटली बधाई के पात्र हैं। आगे भी उक्त वर्ग के लिये काम होता रहेगा और यह वर्ग समाज में हर स्तर पर काम करेगा इस दिशा में रौशनी साफ दिख रही है। इस वर्ग को अब नकारा नहीं जा सकता है।

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