गूलर का फूल साबित हुआ गोरखालैंड
बातचीत का कोई नतीजा नहीं
जगदीश यादव
कोलकाता/नई दिल्ली। अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर हिल्स के आंदोलनकारियों से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मध्य रविवार शाम हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला ।गोरखालैंड मूवमेंट को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों का इस बैठक में जिस तरह से रुख रहा इससे अलग गोरखालैंड गूलर का फूल साबित हुआ। गोरखालैंड आंदोलन के नेताओं के हावभाव कुछ इस तरह के रहें कि, दमदमे में दम हम किसी से कम नहीं। नई दिल्ली के टेबल पर दमदमे यानी मोर्चाबंदी की जैसे हवा ही निकल गई। ऐसे में गोरखालैंड मूवमेंट को-आर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) के सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
गोरखालैंड आंदोलन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से आज यहां मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री को अपनी मांगों के बारे में ज्ञापन सौंपा। राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और अन्य हितधारकों से भूख हड़ताल समाप्त करने और बंद का आह्वान वापस लेने की अपील की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी पिछले 60 दिन से हड़ताल कर रहे जीजेएम और दार्जिलिंग के अन्य हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया।
केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा मिले दस्तावेज की माने तो केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपील करते हुए कहा कि ‘’गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग करते हुए 12 जून, 2017 से दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाके में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। मैं दार्जिलिंग के विकास और अमूल्य जीवन की क्षति को लेकर चिंतित हूं तथा पिछले 60 दिन से लोगों को हो रही परेशानियों से अत्यंत दु:खी हूं। हिंसा से कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। लोकतंत्र में संयम और कानूनी दायरे के भीतर आपसी बातचीत के जरिए ही समस्या का समाधान निकाला जाता है।हम सभी इलाके के रणनीतिक महत्व और इस क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में जानते हैं और मेरे साथी दार्जिलिंग के सांसद एस एस अहलूवालिया नियमित रूप से मुझे विकास के बारे में जानकारी देते रहते हैं।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि राष्ट्र हित के साथ ही बहादुर और बड़े दिल वाले तथा राष्ट्र निर्माण में अत्याधिक योगदान देने वाले गोरखा भाइयों और बहनों के हित को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मैं जीजेएम और अन्य सभी हितधारकों से भूख हड़ताल समाप्त करने तथा बंद वापस लेने का आग्रह करता हूं। इस कदम से वर्तमान समस्या का समाधान खोजने के लिए वातावरण तैयार करने में मदद मिलेगी।मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पिछले 60 दिन से हड़ताल कर रहे जीजेएम और दार्जिलिंग के अन्य हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करने का भी आग्रह करता हूं। इस बीच राज्य सरकार को सभी नागरिक आपूर्ति तथा इंटरनेट सेवाएं बहाल और केबल टी वी तथा लोकल चैनलों का प्रसारण भी शुरू करना चाहिए।मैं दार्जिलिंग के लोगों से भी आग्रह करता हूं कि वे अपनी नागरिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशीलता का प्रदर्शन करें। बिना किसी बातचीत के शिकायतों या समस्याओं का समाधान नहीं निकल सकता है।