कोलकाता । राज्य के पंचायत मंत्री तथा वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) नेता सुब्रत मुखर्जी शुक्रवार को लघभग 12 बजे प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के अधिकारियों से सामने उपस्थित हुए।जहां नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में उनसे पूछताछ की गई। वैसे इस मामले में ईडी अधिकारियों ने राज्य के दो अन्य मंत्रियों शोभन चटर्जी तथा फिरहद हाकीम से पिछले दो दिनों के भीतर पूछताछ की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय से 3.50 बजे निकले सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि आशा है कि उन्होंने अपने जवाब से ईडी के संतुष्ट किया है औऱ जरुरत पड़ने पर वह फिर यहां आ सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ नारदा स्टिंग में कथित संलिप्तता को लेकर धन शोधन (मनी लांडरिंग) का एक मामला दर्ज किया है। इस स्टिंग में आरोपियों ने एक फर्जी कंपनी का पक्ष लेने के लिए पैसे लिया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर हमने धन शोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत टीएमसी नेताओं के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। ईडी ने यह कदम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नारदा मामले में 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ टीएमसी के दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने के 10 दिन बाद उठाया था। इस प्राथमिकी में 12 लोगों के नाम शामिल हैं, जो कथित तौर पर नारदा स्टिंग ऑपरेशन फुटेज में पैसे लेते दिख रहे हैं। तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार का नाम भी प्राथमिकी में शामिल है। तो प्राथमिकी में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय, लोकसभा सदस्य सौगत राय, सुल्तान अहमद, काकली घोष दस्तीदार, राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और सोवन चटर्जी (कोलकाता मेयर) और पूर्व मंत्री मदन मित्रा के नाम शामिल हैं।

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