दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी। गाेरखा जन मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों को मिलाकर अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर हड़ताल जारी है और इसकी आड़ में सबसे ज्यादा नुकसान ऐतिहासिक संपत्तियों को पहुंचाया जा रहा है।गाेरखा समर्थकों ने पहले सोनादा और गायाबारी टॉय ट्रेनों को निशाना बनाया और उन्हें आग के हवाले कर दिया और अब हाल ही में सदियों पुराने राज राजेश्वरी हाल को निशाना बनाया गया है। यह हाल
न केवल बंगाली एसोसिएशन का प्रतीक रहा है, बल्कि कुर्सियोंग में सबसे पुराने हाल्स में से भी एक है जिसे कल रात जीजेएम कार्यकर्ताओं ने आग के हवाले कर दिया।बताया जा रहा है कि कुछ संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने इस हाल के भीतर पहले केरोसिन का तेल छिड़का और फिर इसे आग के हवाले कर दिया।
गाेरखालैंड समर्थकों ने बिजोनबाड़ी में बिजली विभाग के बंगले को भी आग के हवाले कर दिया और 17 माइल में कल लकड़ी से बनी जीपी इमारत की पहली मंजिल को भी निशाना बनाया। इसके अलावा मिरिक में एक पुलिस बूथ को भी निशाना बनाया गया।इसके अलावा मिरिक नगर निगम की इमारत तथा एक बीडीओ कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति (जीएमसीसी) ने कल अपनी बैठक कर हड़ताल और तालाबंदी को आगे बढाने का निर्णय जारी रखा ।यह हड़ताल आज 36वें दिन में प्रवेश कर गई है और अब तक आठ लोेगाें की मौत हो चुकी है।
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