बुलाई सर्वदलीय बैठक का तृणमूल ने किया बहिष्कार

नई दिल्ली/कोलकाता। आजयानि सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले सरकार ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई । सरकार की कोशिश रही कि तमाम मसलों पर विपक्ष के साथ एक राय बनाई जाए ताकि संसद सत्र सुचारू रूप से चल सके। सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाग लेने के लिए सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा, सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह पहुंच चुके हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने बैठक का बहिष्कार किया।
वहीं विपक्ष एक दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई बैठक के वाबजूद एकजुट होकर इस कोशिश में लगा हुआ है कि अमरनाथ यात्रा और कश्मीर के मसले पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाए, जबकि सरकार की कोशिश है कि गतिरोध पैदा होने से पहले ही इसे खत्म किया जाए। आपको बता दें कि आज दोपहर में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई।   कयास लगाए जा रहे थें कि इस बैठक के बाद राजग की तरफ से उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का नाम तय हो सकता है लेकिन खबर के लिखे जाने तक मुद्दे पर जानकारी नहीं मिली थी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संसद की कमिटी रूम में हुई। सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र से पहले होने वाले बैठक में सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा के कामकाज के ठीक से संचालन में सहयोग देने का आग्रह किया। बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से राष्ट्रपति चुनाव में भागीदारी की अपील की। अनंत कुमार ने कहा कि बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा ठीक नहीं है।  कानून हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है। गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा और राजनीति ठीक नहीं है। पीएम ने ये भी कहा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
पीएम ने बैठक में जीएसटी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। साथ ही सभी दलों से अपील की कि वे मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें। सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने नौ को संसद के दोनों सदनों में अगस्त क्रांति के 75 साल पर चर्चा कराने की बात कही  जीएसटी को लेकर सभी पार्टीयों को बधाई दी। कोऑपरेटिव फेदरलिज्म का बेस्ट उदाहरण बताया। इसके क्रियान्वयन में सबसे सहयोग की अपील की. पीएम ने कहा कि बजट पहले करने से 30 फीसदी का खर्च में इज़ाफ़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण राजनीतिक दलों की साख पर सवाल खड़े होते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे खड़े होने के सबसे अपील की। भ्रष्टाचार में घिरे नेताओं को बचाने की कोशिश ना हो। चीन और कश्मीर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रीफ किया है। सभी राजनीतिक दलों ने कहा है कि हम सरकार के साथ हैं। हम सदन में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी, एस एस अहलूवालिया, अपना दल अनुप्रिया पटेल,  कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अकाली दल के गुजराल, बीजेडी से भृतहरि महताब, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, लोजपा नेता चिराग पासवान, एनसीपी नेता शरद पवार, सपा नेता मुलायम सिंह, नरेश अग्रवाल, सीपीआई के डी राजा शामिल हुए। साथ ही आरजेडी  से जेपी यादव, आरपीआई रामदास अठावले, उपेंद्र कुशवाहा, एनसी से फारूख अब्दुल्ला, जेडीएस से देवेगौड़ा के अलावा अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नवी आज़ाद ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग सरकार द्वारा बुलाई गई। ऑल पार्टी मीटिंग में हमने कुछ मांग की है। कश्मीर पर सदन में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन का भी जिक्र और चर्चा होना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा पर कश्मीर पर जो हालात खराब हुए हैं उसमें सरकार ने बातचीत के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। आजाद ने कहा कि सरकार एलिमिनेशन की पॉलिसी पर चल रही है। उस पर हमलोग साथ नहीं है।  गौ रक्षा के नाम पर लोग मारे जा रहे है। महिलाओं की सुरक्षा एक मुद्दा है।
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