देश की राजधानी में दिल्ली में उत्सव का माहौल

जगदीश यादव
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों देश के तमाम सियासतबाजों के लिये किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। जाहिर है कि एक बार फिर से देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति पद का चुनाव आज यानी सोमवार से होना है। वैसे क्या होगा यह दृश्य लगभग साफ है। लेकिन माहौल किसी पर्व से कम का नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से रामनाथ कोविंद और संयुक्त विपक्ष की तरफ से मीरा कुमार उम्मीदवार हैं। दोनों ही नेता राज्यों का दौरा करते हुए अपने लिए वोट मांग चुके हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच के एक विश्लेषण के मुताबिक इनमें से किसी एक को देश का प्रथम व्यक्ति चुनने के लिए लोकसभा के 543 सांसदों के 384444 राज्यसभा के 233 सांसदों के 164964 और विधानसभाओं के 4120 विधायकों के 549495 वोट डाले जाएंगे। लेकिन सबसे खास देश के लोगों के लिये यह विडम्बना ही है कि  राष्ट्रपति चुनाव के लिेये वोटों को डालने वाले सांसदों और विधायक की संख्या कम नहीं है जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं या फिर जिन पर गंभीर आपराधिक मामले  दर्ज है।
राष्ट्रपति चुनाव में 4852 सांसदों-विधायकों में से 993 सदस्यों (20 फीसदी) पर गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इसमें लोकसभा के 543 में से 117 और राज्यसभा के 231 सदस्यों में से 16 सांसदों और 4078 विधायकों में से 860 ने गंभीर आपराधिक केस दर्ज की बात शपथ पत्र में मानी है। सांसदों- विधायकों के कुल 1091472 वोटों में से 34 प्रतिशत यानी 3,67,393 वोट उनके पड़ेंगे, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
वोट डालने वाले 4852 सांसदों-विधायकों में से 33 प्रतिशत यानी 1581 सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने हाल में हुए चुनाव से पहले दिए शपथपत्र में खुद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होने की बात कही है। लोकसभा के 543 सांसदों में 184 (34 फीसदी) और राज्यसभा के 231 सांसदों में से 44 (19 फीसदी) और 4078 विधायकों में से 1353 (33 फीसदी) ने खुद पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाने की बात मानी है। राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ 9 फीसदी यानी 451 महिला माननीय ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगी। इनमें सबसे ज्यादा महिला विधायकों के वोट यूपी विधानसभा से पड़ेंगे। इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल और तीसरे पर मध्य प्रदेश है। बहरहाल दिल्ली के आम लोगों से बात करने पर लोगों ने तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी है। लेकिन लोगों में मोदी सरकार और के कामकाज को लेकर काफी संतोष देखा जा रहा है तो माननीय को अपराधिक रिकार्ड पर लोगों का कह कहना है कि बदलाव का दौर चल रहा है एक दिन ऐसा होगा जब संसद में अपराधिक रिकार्ड के माननीय नहीं होंगें।
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