कोलकाता।

कहते है कि आदमी को सिखने के लिये तमाम उम्र भी कम हौ और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। शायद इसी सोच के तहत एक कैदी भोला ने 53 वर्ष की उम्र में दसवीं कक्षा की परीक्षा पास की। कामयाबी की यह दांस्तान कोलकाता के अलीपुर जेल की है। लगभग आठ साल पहले अनपढ़ भोला मलाकर ने जब जेल में कदम रखा तो उन्हें खुद इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि वह माध्यमिक (कक्षा 10) की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेंगे। मलाकर की उम्र अब 53 वर्ष हो चुकी है। उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। वह पश्चिम बंगाल में कक्षा 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 29 कैदियों में से एक हैं। परीक्षा के नतीजे  घोषित किए गए। अलीपुर केंद्रीय कारा में लगभग आठ साल पहले आए अनपढ़ मालाकर ने जेल की चारदीवारी के भीतर पढऩा शुरू किया। जेल अधीक्षक डी.चक्रबर्ती ने कहा, मालाकर राज्य में कक्षा 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों में शायद सबसे अधिक उम्र का है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर आप कुछ सीखना चाहते हो तो उम्र मायने नहीं रखती। मालाकर के जेल साथी शेख खेेरूल ने भी कक्षा 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। चक्रबर्ती ने कहा, ‘‘अलीपुर कारा के सभी तीनों कैदियों ने ये परीक्षा उत्तीर्ण की है।’’ गौरतलब है कि कुल 30 कैदियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 20 दोषी ठहराए गए और 10 विचाराधीन कैदी हैं। लेकिन इनमें से एक कक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका। बहरहाल जो भी हो लेकिन भेला के जज्बे के सलाम तो किया जा ही सकता है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •