शिक्षिका बेटी ने किया लाश लेने सं इनकार

कोलकाता। रिश्ते नाते किस तरह से आज के दौर में बेइमान हो रहे है इसका प्रमाण इस घटना से लग सकता है। पिछले दो दिनों से एक 70 वर्षीय बुजुर्ग का शव शवगृह में पड़ा, उसे लेने कोई नहीं पहुंचा, बेटी-दामाद ने शव लेने से इनकार कर दिया है। मृतक की एक ही बेटी है, जो एक नामी स्कूल में अंग्रेजी की टीचर है। मृतक के दामाद ने शवगृह से ससुर का शव लेने से इनकार कर दिया है। रिश्तेदारों के होते हुए भी शव का कोई दावेदार न होने का ऐसा मामला देख पुलिस भी हैरान है। पुलिस यह सोचकर हैरान है कि कोई स्कूल टीचर इतनी निष्ठुर हो सकती है। मृतक की बेटी की कठोरता देखकर गौतम दत्ता के सहकर्मी भी हैरान हैं। गौतम पेशे से वकील थे। हालांकि, दत्ता के बेटी-दामाद ने शव को न लेने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है। भवानीपुर के रहने वाले वकील गौतम दत्ता अलीपुर कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। कुछ दिनों पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था और सोमवार की सुबह 10 बजे उनका देहांत हो गया। जब पुलिस ने उनकी बेटी से संपर्क किया तो उसने पिता का शव लेने से इनकार कर दिया। पुलिस किसी मृतक के परिवार की इजाजत के बगैर किसी को भी शव नहीं सौंप सकती, इस वजह से पुलिस दुविधा में है।
अलीपुर बार असोसिएशन के वकीलों ने भी दत्ता की बेटी से बात कर उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश बेकार साबित हुई। एक वकील ने कहा, ‘गौतम सिर्फ मेरे सहकर्मी नहीं थे, हम एक ही वॉर्ड में रहते थे। मैं दत्ता से मिलने अस्पताल गया था और अब उनकी मौत के बाद कई बर उनकी बेटी से संपर्क कर समझाने की कोशिश की, पर बेटी शव लेने को तैयार नहीं है।’ उनके साथ प्रैक्टिस करने वाले एक अन्य वकील प्रशांत मजूमदार ने कहा, ‘अगर कुछ और दिनों तक बेटी शव लेने नहीं पहुंचती तो हम इस मामले में कोर्ट की मदद लेंगे।’ जब हमारे रिपोर्टर ने मृतक की बेटी से संपर्क किया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उनके दामाद ने एक एसएमएस कर जवाब दिया कि वे इस मामले में बार असोसिएशन को एक एनओसी देंगे।
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