दार्जिलिंग। राज्य के दार्जिलिंग हिल्स में पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आह्वान पर अनिश्चितकालीन बंद के आज 22वें दिन स्थिति लगातार गंभीर बनी हुयी है।  आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज सुबह यहां 6 मील इलाके में जीजेएम के अनिश्चितकालीन बंद के बीच कुछ संदिग्ध गोरखा कार्यकर्ताओं ने एक पुलिस वाहन में आग लगा दी।  इस संबंध में पुलिस ने आगजनी करने के आरोप में जीजेएम के चार समर्थकों को हिरासत में लिया है।  सूत्रों के अनुसार आज सुबह कुछ अज्ञात बदमाशों ने 6 मील इलाके में पेट्रोल बम का उपयोग कर वहां खड़े पुलिस के एक वाहन को आग के हवाले कर दिया। प्रभावित क्षेत्र में जारी राजनीतिक अनिश्चितता और बढ़ती हुई हिंसक घटनाओं के कारण विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने की मांग की है। वहीं दार्जिलिंग के बोर्डिंग स्कूलों ने पहाड़ में मौजूदा अशांति को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं।

संदिग्ध जीजेएम कर्मियों ने की पुलिस वाहन में आगजनी

बोर्डिंग स्कूलों छुट्टियां बढ़ाई गई

ये स्कूल कल खुलने वाले थे लेकिन पहाड़ में अनिश्चित बंद की वजह से स्कूलों ने अपनी छुट्टियां बढ़ा दीं। यह छुट्टी 23 जून से शुरू हुई थी। सेंट जोसफ नॉर्थ प्वांइट के प्रिसिंपल फादर शानजुमोन ने बताया, ‘बंद को देखते हुए हमने छुट्टियां आगे बढ़ाने का फैसला किया है। हमने स्कूल खुलने की कोई तारीख तय नहीं की है। जैसे ही पहाड़ में शांति आएगी, हम बच्चों के माता-पिता को सूचित करेंगे और स्कूल खोलेंगे।फादर शानजुमोन दार्जिलिंग आईसीएसई स्कूल एसोसिएशन के सदस्य हैं। इससे पहले, गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने 23 जून को बोर्डगि स्कूलों को बच्चों को बाहर निकालने के लिए 12 घंटे की छूट दी थी।इधर पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर जारी आंदोलन के मुद्दे पर छह जुलाई को होने वाली सर्वदलीय बैठक के कारण चार जुलाई से स्कूलों के खुलने पर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है।  जीजेएम के आह्वान पर अनिश्चितकालीन बंद के कारण यहां दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहें।  इसके अलावा सड़कों से वाहन भी नदारद रहें जिसके कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी रही। प्रशासन की ओर से 21 जून से बाधित मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर अब पांच जुलाई को विचार किया जाएगा। वहीं इसी बीच जीजेएम और गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर जारी आंदोलन के नाम पर दार्जिलिंग के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही हिंसा का विरोध कर उसकी निंदा की है।  जीजेएम ने आज हुई इस घटना पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उनकी पार्टी शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रखती है और इस प्रकार की हिंसा की निंदा करती है।  जीजेएम ने इस घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. जीजेएम ने तृणमूल पर सिलीगुड़ी और उसके आस-पास के इलाकों के पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। जीजेएम के सहायक सचिव विनय तमांग ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए तृणमूल सरकार द्वारा प्रायोजित तत्व क्षेत्र में हिंसा भड़का रहे हैं। जीजेएम ने आगजनी की इस घटना केे अलावा पुलिस की ओर से कथित तौर पर किए गए अत्याचार आैर 17 जून को हुई हिंसा के संबंध में सीबीआई जांच की मांग की है। गौरतलब है कि 17 जून को हुई हिंसा में जीजेएम के तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी जबकि 33 अन्य लोग घायल हुए थे। जीजेएम ने केन्द्र सरकार से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।बहरहाल बता दें कि ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के बाद आंदोलनकारियों से समझौता करके गोरखालैंड स्वायत्तशासी संस्था जीटीए का गठन किया गया था। जीजेएम के संस्थापक बिमल गुरंग इसके मुख्य अधिशासी बने थे। इसके अलावा 45 सदस्यीय जीटीए के चुनाव इस वर्ष होने हैं। पिछले दिनों स्थानीय निकाय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत ने गोरखा मुक्ति मोर्चे की बेचैनी बढ़ा दी है। वैसे भी दरकती जमीन को संभालने के लिए उसे कुछ तो करना ही था। इसलिए मौका मिलते ही उसने आंदोलन को हवा दे दी।

 

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