देश में पिछले साल 1.25 लाख महिलाओं की तस्करी हुई

कोलकाता। भले ही पश्चिम बंगाल को कथित तौर पर बोलचाल की भाषा में महिला प्रधान राज्य कह दिया जाता हो, लिकन यहां महिलाओं व बच्चों की स्थिती ठीक नहीं है। साफ कहें तो महिला व बाल तस्करी के मामले में देश भर में बंगाल अव्वल है। वहीं वर्ष 2016-17 के दौरान देश में बाल तस्करी के 35,000 मामले और महिला तस्करी के 1,25,750 मामले दर्ज किए गए, जिसमें पश्चिम बंगाल दोनों श्रेणियों में सबसे ऊपर रहा। राष्ट्रीय तस्करी-रोधी कमिटी (एनएटीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। एनएटीसी के अध्यक्ष एस.के. जिन्नर अली ने पत्रकारों को एक बैठक में कहा, ‘बाल तस्करी के 35,000 मामलों में से, केवल पश्चिम बंगाल में 13,000 पंजीकृत किए गए थे, जो कुल मामले का 37 प्रतिशत है।’
अली ने कहा कि देश के उत्तरी राज्यों में महिला तस्करी के 42 प्रतिशत मामले दर्ज हुए हैं। अली के मुताबिक, पीड़ित महिलाओं को ज्यादातर मुंबई, चेन्नै और दुबई में ले जाया गया था। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों में पिछले एक साल में महिलाओं की तस्करी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। एनएटीसी ने आयोजित राज्य सम्मेलन में घोषणा की कि तस्करी पीड़ितों के लिए 6 और स्कूलों का निर्माण होगा। साथ ही तस्करी रोकने के लिए कई अन्य ठोस कदम उठाए जाएंगे।

एनएटीसी के अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने महिला तस्करी से पीड़ित महिलाओं के लिए पश्चिम बंगाल में 19 स्कूलों की शुरुआत की है। पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना जिलों में 6 और स्कूल खोले जाएंगे।’ इस पहल को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित किया जाता है। उन्होंने कहा कि तस्करी में बरामद पीड़ितों को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा।

अली ने कहा, ‘2016 में प्रशिक्षण देने के बाद हमने 25 लोगों को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में भेजा।’ राज्य में तस्करी को रोकने की पहल के बारे में बात करते हुए एनएटीसी के अध्यक्ष ने कहा कि सांविधिक निकाय 23 जिलों में से प्रत्येक में पांच सदस्यीय समिति का गठन कर रहा है। पुलिस और राज्य प्रशासन के प्रतिनिधि ऐसे पैनलों का हिस्सा होंगे। एनएटीसी 28 जुलाई से टोल फ्री नंबर और तस्करी से संबंधित मुद्दों और शिकायतों के लिए एक मोबाइल ऐप की भी शुरुआत करेगा। अली ने कहा, ‘हम सभी जिलों में ब्लॉक-स्तरीय कार्रवाई समिति का भी गठन करेंगे और तस्करी जैसी गतिविधियों पर बारीकी से जानकारी के लिए नियमित अंतराल पर पुलिस स्टेशन-स्तरीय बैठक आयोजित करेंगे।’

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