कोलकाता।jagdish yadav देशभर में एक समान टैक्स प्रणाली यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की शुरुआत तब हो चुकी होगी जब आप यह समाचार पत्र पढ़ रहें होंगे। आर्थिक मामलों के जानकारों की माने तो जीएसटी के भारतीय अर्थशास्त्र के इतिहास में दर्ज होने से एक नया भारत का उदय हो सकता है। वैसे सवाल उठ रहें हैं कि क्या यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा?  इस सवाल के जवाब में केन्द्र सरकार सहित  दुनियाभर के तमाम अर्थशास्त्री समय-समय पर दावा कर चुकें  है कि इससे देश में कारोबारी माहौल सुधरेगा। देश में इमानदार व्यवसाय जगत के लिये यह मील का पत्थर साबित होगा। वहीं इस फैसले से देश की आर्थिक गतिविधियों में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे जिसका सीधा असर विकास दर पर पड़ेगा।जीएसटी का विरोध कोलकाता सहित देश भर में व्यवसायियों का एक वर्ग कर रहा है लेकिन आखिर क्यों। क्या किसी व्यवस्था के जरीये व्यवसाय जगत में पारदर्शिता लाने की कोशिश गलत है?। कई वस्तुओं पर व्यवसायी आमलोगों को मर्जी के अनुसार लूटते है इस लूट को बंद करवाने की कोशिश से व्यवसायियों का एक वर्ग सहमा हुआ है और ऐसे लोग छोटे व्यवसायियों को गलत संदेश प्रसारित कर उन्हें भ्रमित कर रहें है।जीएसटी के तहत 20 लाख रुपये से अधिक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इससे बचने के छोटे ट्रांजैक्शंस का तरीका अपना सकते हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह बहुत अासान नहीं होगा। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के तहत नई प्रणाली को एक साथ रखा गया है, जिसमें एक विक्रेता के द्वारा सभी चालान अपलोड करते ही ‘इनवॉइस मैचिंग’ शुरू हो जाएगी। जानकारों ने बताया कि यह बी2सी लेनदेन में भी होगा, जैसा की किराना दुकानों में भी यह प्रणाली लागू होगी। यानी अब किराना दुकानदार अपनी मर्जी के अनुसार ग्रहकों को उत्पाद या दर के मामले में भर्मित नहीं कर सकेगें। डीलर स्टोर से संबंधित बिक्री चालान अपलोड किए जाने पर सरकार उन्हें ट्रैक कर सकती है।जीएसटी के लागू होने से जहां एक ओर कारोबारियों के लिए आसानी होने की बात की जा रही है, वहीं जॉब मार्केट में भी इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। जानकारों व विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी लागू होने से हाल के दिनों में एक लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के लागू होने से पहले 761 दवाओं के अस्थायी अधिकतम मूल्य की घोषणा कर दी है। इनमें कैंसर-रोधी, एचआईवी-एड्स, मधुमेह और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं।जीएसटी लागू होने के बाद स्वर्ण व्यवसायी को रसीद के आधार पर उपभोक्ताओं को पूरा सोना देना होगा। सोने के आभूषणों में जितना ग्राम भी टांका लगेगा उसका सोने के तौल पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दुकानदार हॉल मार्क ज्वैलरी ही बेच पाएंगे। अब पक्की रसीद पर सोना बेचने की मजबूरी होगी वह भी हॉल मार्क के साथ। ऐसे में टैक्स की चोरी करना आसान नहीं होगा। यही कारण है कि जीएसटी लागू होने को लेकर असाधु स्वर्ण व्यवसायियोंमें हड़कम्प है।

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